मप्र में जिस तरह से व्यापमं की परीक्षाओं में असली कैंडिडेट्स की जगह सॉल्वरों ने परीक्षा दी थी। उसी तर्ज पर दो साल पहले हुई पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में भी सॉल्वर शामिल हुए हैं। इसका खुलासा एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स के दस्तावेजों की जांच के बाद हु
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पीएचक्यू के अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी ये आंकड़ा और ज्यादा बढ़ने की संभावना है। दरअसल, इन सभी कैंडिडेट्स ने आधार कार्ड में सॉल्वर का नाम और फोटो अपडेट कराकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। इसमें आधार सेंटर की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
मंडे स्टोरी में जानिए किस तरह से कर्मचारी चयन मंडल की एग्जाम की प्रोसेस में सेंध लगाई गई और कैसे हुए इस पूरे घोटाले का खुलासा
फर्जीवाड़े के 5 केस, ऐसे पकड़े गए ‘मुन्नाभाई’ केस 1: रिकॉर्ड में फोटो, साइन व हैंड राइटिंग ही नहीं हुई मैच
ये मामला ग्वालियर के कंपू थाने का है। 14वीं बटालियन के सब इंस्पेक्टर रघुनंदन शर्मा की शिकायत पर पांच कैंडिडेट्स के खिलाफ 31 मई को मामला दर्ज किया गया है। इनमें से तीन मुरैना के हैं, बाकी दो श्योपुर और शिवपुरी से हैं। नियुक्ति के समय इनकी आधार की हिस्ट्री चेक की गई थी। ये पाया गया कि इन्होंने लिखित परीक्षा से पहले जुलाई 2023 में आधार अपडेट कराया था।
इसमें सॉल्वर का फोटो अपडेट कराया गया। इसके बाद अगस्त-सितंबर 2023 को लिखित परीक्षा हुई थी। लिखित परीक्षा के कुछ दिन बाद फिर से अपना आधार में बायोमेट्रिक अपडेट करा लिया था। कर्मचारी चयन मंडल से जब दस्तावेज और रिकॉर्ड मंगाया तो फोटो भी मैच नहीं हुए और कॉपी पर राइटिंग भी मैच नहीं हुई।

केस 2: सॉल्वर बनने के लिए 4 लाख रुपए लिए
एक हफ्ते पहले राजगढ़ पुलिस ने आरक्षक भर्ती परीक्षा में चयनित सत्येंद्र सिंह जादौन के दस्तावेजों की जांच की तो पाया कि ग्वालियर निवासी सतेंद्र रावत ने सॉल्वर बनकर उसकी जगह परीक्षा दी थी। इस साजिश में उसका भाई श्याम रावत भी शामिल था। बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट जांच के दौरान गड़बड़ी उजागर हुई।
राजगढ़ में तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस फर्जीवाड़े के लिए 4 लाख रुपए का सौदा हुआ था। सतेंद्र सिंह श्योपुर जेल में बंद था। पुलिस ने उसे जेल से रिमांड पर लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। जांच में पता चला है कि उसका भाई भी इस तरह का फर्जीवाड़ा कर चुका है।

सॉल्वर सतेंद्र रावत ग्वालियर का रहने वाला है। राजगढ़ पुलिस ने उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू की है।
केस 3: परीक्षा से पहले और बाद में आधार कार्ड अपडेट कराया 19 मई को एसएएफ की 13वीं बटालियन के उप निरीक्षक हरिओम सिंह ने ग्वालियर के माधौगंज थाने में शिकायत दी कि मुरैना के सबलगढ़ के रहने वाले अतेंद्र सिंह राणा ने आरक्षक भर्ती परीक्षा में अपनी जगह सॉल्वर को बैठाकर परीक्षा पास की है। दरअसल, अतेंद्र सिंह के जॉइनिंग के वक्त थंब इंप्रेशन लिए गए थे तब वह मैच नहीं हुए। उसके आधार कार्ड अपडेट की हिस्ट्री निकाली गई तो पता चला कि उसने परीक्षा से पहले और बाद में कई बार अपना आधार कार्ड अपडेट कराया था।
केस 4: नियुक्ति हो गई, मगर रिकॉर्ड जांचा तो मिली गड़बड़ी
शिवपुरी की 18वीं बटालियन में ग्वालियर के घाटीगांव के रहने वाले निर्भय गुर्जर और डबरा के भूपेंद्र सिंह की नियुक्ति हो चुकी थी। दोनों ने लिखित परीक्षा में अपनी जगह सॉल्वर बैठाए थे। इनके दस्तावेजों की जांच की गई तो जवानों के फिंगर प्रिंट मैच नहीं हुए। इनसे पूछताछ भी की गई तो ये उसका जवाब नहीं दे सके। सतनवाड़ा पुलिस ने दोनों जवानों के खिलाफ धोखाधड़ी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के मामले में एफआईआर दर्ज की है।

निर्भय गुर्जर ने परीक्षा से पहले जुलाई 2023 में आधार अपडेट कराया और फिर परीक्षा खत्म होने के बाद अपडेट कराया।
केस 5: ‘बाहुबली’ ने आलीराजपुर आकर एग्जाम दी
29 मई को मप्र की आलीराजपुर पुलिस ने पटना की कदमकुआं थाना क्षेत्र की पुलिस की मदद से अमरेंद्र साव उर्फ अमरेंद्र बाहुबली को एक लॉज से गिरफ्तार किया है। अमरेंद्र गया के टेकारी का रहने वाला है। उसने मुरैना के कैंडिडेट रामरूप गुर्जर की जगह परीक्षा दी थी। आलीराजपुर पुलिस के मुताबिक इसके बदले उसने 45 हजार रुपए लिए थे।
रामरूप गुर्जर के जॉइनिंग के वक्त आधार कार्ड की जांच की गई तो पाया कि परीक्षा से पहले और बाद में आधार कार्ड अपडेट हुआ था। रामरूप गुर्जर को पुलिस ने जेल भेज दिया और अब अमरेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

ऐसे लगाई एग्जाम में सेंध
1.एग्जाम से पहले आधार अपडेट:जिन कैंडिडेट्स की जगह सॉल्वर ने एग्जाम दी उनके फोटो और फिंगर प्रिंट कैंडिडेट के आधार पर अपडेट कराए गए। यानी आधार नंबर मूल कैंडिडेट का था लेकिन फोटो और फिंगर प्रिंट सॉल्वर के थे।
2.एग्जाम हाल में फोटो और फिंगर प्रिंट मैच:अपडेटेड आधार कार्ड के साथ सॉल्वर परीक्षार्थी का आधार कार्ड लेकर परीक्षा सेंटर पहुंचा। सेंटर पर आधार कार्ड की जांच की गई तो फोटो सॉल्वर का ही पाया गया। इसके बाद फिंगर प्रिंट जांचे गए तो वह भी मैच हो गए।
3.एग्जाम के बाद फिर आधार अपडेट:परीक्षा होने के बाद इन अभ्यर्थियों ने एक बार फिर आधार अपडेट कराया और इस बार वापस अपनी असली फोटो अपडेट कराई। इसके साथ ही फिंगर प्रिंट भी अपडेट कराते हुए खुद के फिंगर प्रिंट आधार में स्कैन कराए। इसी आधार को लेकर वे जॉइनिंग देने पहुंचे।

कर्मचारी चयन मंडल बोला- हमारी सुरक्षा में चूक नहीं कर्मचारी चयन मंडल के डायरेक्टर साकेत मालवीय कहते हैं कि मंडल की एग्जाम प्रोसेस में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है। हमने उन्हीं कैंडिडेट्स की एग्जाम ली जिनके आधार का डेटा मैच हो रहा था। एग्जाम हाल में एंट्री के समय आधार कार्ड का फोटो मिलाया गया।
इसके बाद परीक्षा के पहले आधार डेटा को वेरिफाई किया गया। ये होने पर ही अभ्यर्थी को एग्जाम हॉल में प्रवेश दिया गया। बीच एग्जाम में भी आधार का डेटा मैच कराया हर बार ये मैच हुआ है। जॉइनिंग के समय कुछ गड़बड़ियां सामने आई हैं। पुलिस विभाग ने हमसे एग्जाम के दौरान इकट्ठा किया कैंडिडेट्स का डेटा मांगा है। हमने वो सौंप दिया है।

अब जानिए कैसे हुआ इस फर्जीवाड़े का खुलासा दरअसल पीएचक्यू को इस फर्जीवाड़े की गोपनीय शिकायत मिली थी। इसके आधार पर पीएचक्यू ने सभी जिलों को कैंडिडेट्स के डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन के लिए कहा। साथ ही फोटो, फिंगरप्रिंट मिलान के साथ आधार अपडेशन हिस्ट्री की जांच करने के लिए कहा। इस तरह जिलों की अलग-अलग बटालियन में जॉइनिंग के लिए पहुंचे अभ्यार्थियों के फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया।
डीआईजी वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि जैसे-जैसे मामले सामने आते जा रहे हैं उन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही सॉल्वर का भी संबंधित थाना पता लगा रहा है। इस फर्जीवाड़े में अब तक 19 एफआईआर हो चुकी है। फर्जीवाड़े का आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है।
