एलुमनी एसोसिएशन के सदस्यों ने गौर समाधि स्थल पर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।
सागर के डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ हरीसिंह गौर की 75वीं पुण्यतिथि पर एलुमनी एसोसिएशन के सदस्यों ने गौर समाधि स्थल पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान डॉ. गौर को याद किया। उन्होंने भारत सरकार से डॉ. हरीसिंह गौर को भार
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एल्युमनी एसोसिएशन के सदस्य और अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के संभागीय अध्यक्ष अखिलेश मोनी केसरवानी ने कहा कि डॉ. हरी सिंह गौर को पिछले चार दशकों से भारत रत्न देने की मांग चली आ रही है। आज डॉक्टर गौर की पुण्यतिथि पर भारत सरकार से डॉ. गौर को भारत रत्न देने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक सागर वासी डॉ. गौर को भारत रत्न दिलवाने के लिए प्रयास करें। यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। साथ ही उन्होंने बताया कि डॉक्टर गौर से प्रेरणा लेकर प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी 11 जरुरतमंद बच्चों के स्कूल की फीस भरने का कार्य करूंगा। जिससे वह शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़े और सागर का नाम रोशन करें।
प्रोफेसर जेके जैन ने कहा कि डॉ. हरी सिंह गौर ने शिक्षा के क्षेत्र में जो सागर वासियों के लिए सौगात दी है। उनका एहसान कोई नहीं चुका सकता। सुरेंद्र सुहाने ने कहा कि डॉ. गौर 20वीं शताब्दी के सर्वश्रेष्ठ शिक्षाविदों में से एक थे।
उन्होंने शिक्षा, कानून, और साहित्य के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान दिया। वे भारतीय संविधान सभा के सदस्य भी रहे। उन्होंने युवाओं में उच्च शिक्षा के प्रसार के लिए सागर विश्वविद्यालय की स्थापना की। देवदासी प्रथा को बंद कराने और महिलाओं को वकालत करने का अधिकार दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
उन्होंने कहा कि इतना सब होने के बाद भी डॉक्टर गौर को भारत रत्न की उपाधि नहीं मिल पाना, यह सागरवासियों के लिए दुर्भाग्य की बात है। हम सभी एल्युमनी सदस्य डॉ. गौर को भारत रत्न देने की मांग करते हैं।
इस दौरान भूपेंद्र सिंह बैरशला, संदीप सोनी, जिनेंद्र जैन, रफी गनी, कपिल पचौरी, सारांश मोहित पटेल, शिवांश सोनी, रवि मिश्रा, अभिषेक स्थापक, माखन सिंह समेत अन्य सदस्य मौजूद थे।