जगराओं मंडी में टूटी सड़कें और वाटर कूलर से टूटियां गायब।
एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अनाज मंडी जगराओं की स्थिति बेहद खराब है। यहां टूटी सड़कें, पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है, वाटर कूलर से टूटियां गायब हो चुकी हैं और शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं। लाइट का भी कोई खास इंतजाम नही है। अगर रात को लाइट चली जाए तो
.
मंडी में गेहूं की खरीद शुरू हो चुकी है। जल्द ही गेहूं की कटाई शुरू होगी और किसान अपनी फसल लेकर मंडी आएंगे। किसानों को अपनी फसल की सुरक्षा खुद करनी होगी। क्योंकि मंडी में घूम रहे आवारा पशुओं को लेकर प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की है।
मंडी में सिर्फ दो शौचालय
मंडी बोर्ड को हर साल करोड़ों रुपए की आय होती है। फिर भी सुविधाओं के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। हजारों किसानों और मजदूरों के लिए मंडी में सिर्फ दो शौचालय हैं। वो भी ताले में बंद रहते हैं। यहां कोई कैंटीन भी नहीं है, जहां किसान सस्ता और अच्छा खाना खा सकें।
पशुओं की देखभाल के लिए कोई व्यवस्था नहीं
काउ सेस के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए जमा किए जाते हैं। लेकिन आवारा पशुओं की देखभाल के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अनाज मंडी कम पशु मंडी ज्यादा लगती है। वही मंडी में काम करने वाले लोगों का कहना है कि मंडी के चारो तरफ तो बेसहारा पशु घूमते फिरते हैं।
मार्किट कमेटी के सचिव का बयान
वही इस सबंध में मार्किट कमेटी के सचिव कवलप्रीत सिंह कलसी ने कहा कि मंडी में इंतजाम पूरे हैं। गांवों की मंडियों में लाइट का इंतजाम किया जा रहा है। उन्होंने पहले दिन फसल ना आने के कारण खरीद नहीं हो सकी