Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को एक महान राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और विचारक माना जाता है. उनकी नीतियां आज भी लोगों के जीवन को दिशा देती हैं. उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर कई गहरी और सटीक बातें कहीं, जो आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं. आचार्य चाणक्य ने बताया कि सभी लोगों को सलाह देना सही नहीं होता. कुछ लोग ऐसे होते हैं जो आपकी सलाह को नजरअंदाज कर देंगे, उसका मजाक बनाएंगे या फिर उसका गलत फायदा उठाएंगे. हम अकसर सोचते हैं कि किसी की भलाई के लिए दी गई सलाह हमेशा स्वागत योग्य होती है, लेकिन ऐसा हर बार नहीं होता. कुछ लोग खुद को सर्वज्ञ मानते हैं और दूसरों की बातों को हल्के में लेते हैं. ऐसे में सलाह देना उल्टा हमारे लिए ही नुकसानदेह हो सकता है.
1. घमंडी व्यक्ति को सलाह नहीं देनी चाहिए
घमंड में डूबा इंसान कभी किसी की बात नहीं सुनता. वह खुद को सबसे ज्यादा बुद्धिमान मानता है और दूसरों की सलाह को तुच्छ समझता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति को अगर आप अच्छी से अच्छी सलाह भी देंगे, तो वह उसे नजरअंदाज कर देगा. उल्टा वह आपको ही नीचा दिखाने की कोशिश करेगा. इसलिए ऐसे लोगों से दूर रहना बेहतर है.
जो लोग धर्म और नैतिकता से दूर रहते हैं, जो सही और गलत में फर्क नहीं करते, उन्हें सुधारने की कोशिश भी अक्सर नाकाम हो जाती है. ऐसे लोग न तो अपने कर्मों के लिए पछताते हैं और न ही दूसरों की भलाई के बारे में सोचते हैं. उन्हें समझाना समय की बर्बादी है.
3. अहंकारी राजा या अधिकारी
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी शक्तिशाली या पद वाले व्यक्ति को अगर घमंड हो जाए, तो वह सलाह लेने के लायक नहीं रहता. वह खुद को सर्वोपरि समझता है और दूसरों की बात को तवज्जो नहीं देता. अगर आप उसे सलाह देंगे, तो वह आपकी नीयत पर शक करेगा या आपका अपमान कर सकता है.
कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें हर बात में बहस करने की आदत होती है. उन्हें अगर आप सलाह देंगे, तो वह उसका विरोध ही करेंगे, चाहे आप सही क्यों न हों. ऐसे लोगों के साथ तर्क करने से मन की शांति चली जाती है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसी जगह पर मौन ही सबसे अच्छा होता है.
6. जो सलाह मांगता ही नहीं
कुछ लोग अपनी जिंदगी में चाहे कितनी भी दिक्कतों से क्यों न गुजर रहे हों, लेकिन वे कभी सलाह नहीं मांगते. अगर आप उन्हें जबरदस्ती सलाह देंगे, तो उन्हें बुरा लग सकता है या वे उसे गंभीरता से नहीं लेंगे. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सलाह तभी दी जानी चाहिए जब कोई खुद मदद चाहता हो.