पाकिस्तान स्थित श्री करतारपुर साहिब।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण करतारपुर साहिब कॉरिडोर को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। सरकार ने यह निर्णय सुरक्षा कारणों से लिया है। हाल ही में भारत द्वारा पाकिस्तान स्थित पंजाब और उसके कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों में किए गए
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गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की संयुक्त सिफारिश पर पंजाब के डेरा बाबा नानक में स्थित इमीग्रेशन चेक पोस्ट से पाकिस्तान के नारोवाल जिले स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर तक की श्रद्धालु यात्रा पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
इस कदम से रोजाना करतारपुर साहिब दर्शन के लिए जाने वाले सैकड़ों श्रद्धालुओं को निराशा का सामना करना पड़ा है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अगला आदेश आने तक यात्रा की योजना स्थगित रखें और किसी भी अपडेट के लिए संबंधित सरकारी पोर्टलों पर नजर बनाए रखें।
क्या है करतारपुर कॉरिडोर?
करतारपुर कॉरिडोर की शुरुआत नवंबर 2019 में हुई थी। यह भारत के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से शुरू होकर पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक जाता है, जहां सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष बिताए थे। यह कॉरिडोर वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा देता है, जिससे श्रद्धालु केवल पंजीकरण के आधार पर गुरुद्वारा साहिब के दर्शन कर सकते हैं।
हालात क्यों बिगड़े?
भारतीय सेना ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। इनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय भी शामिल थे। इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से हवाई गतिविधियां और सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य मूवमेंट बढ़ा है, जिससे भारत ने हाई अलर्ट घोषित किया है।
सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि तनाव के माहौल में कॉरिडोर का दुरुपयोग आतंकियों या पाकिस्तान समर्थित एजेंटों द्वारा किया जा सकता है। ऐसे में किसी भी खतरे को टालने के लिए यह कदम एहतियातन उठाया गया है।

प्रभावित होंगी श्रद्धालुओं की यात्रा
सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह फैसला स्थायी नहीं है, लेकिन देश की सुरक्षा प्राथमिकता में है। जैसे ही हालात सामान्य होंगे, कॉरिडोर को दोबारा खोला जा सकता है। इससे पहले भी, कोविड महामारी और पुलवामा हमले के बाद अस्थायी रूप से कॉरिडोर को बंद किया गया था।
सिख समुदाय में चिंता, पर समर्थन भी
करतारपुर कॉरिडोर बंद होने की खबर से सिख श्रद्धालुओं में निराशा है, लेकिन कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने सरकार के फैसले को समर्थन देते हुए कहा है कि देश की सुरक्षा सबसे ऊपर है।