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ऑपरेशन सिंदूर ने PAK एयरफोर्स को 5 साल पीछे धकेला: रिपोर्ट में दावा- भारतीय हमले के दौरान लाचार हो गई थी पाकिस्तानी वायुसेना


नई दिल्ली11 मिनट पहले

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नूर खान एयरबेस पर 10 मई के हमले के बाद की तस्वीर में नुकसान - Dainik Bhaskar

नूर खान एयरबेस पर 10 मई के हमले के बाद की तस्वीर में नुकसान

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया है। सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तानी एयरफोर्स को हुआ है। ANI ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया है कि भारत के हमले के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना लाचार हो गई थी। उसे समझ में ही नहीं आ रहा था कि हमले का बचाव कैसे किया जाए।

पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने हवा से दागी जाने वाली क्रूज मिसाइलों, लंबी दूरी से मार करने वाले हथियारों और अलग-अलग तरह के घूमते रहने वाले हथियारों का इस्तेमाल किया।

रक्षा सूत्रों के मुताबिक भारतीय वायुसेना ने लगातार चार दिन तक पाकिस्तान में बहुत सटीक हमले किए। उनके मुताबिक इस हमले से पाकिस्तान को इतना नुकसान हुआ है कि उबरने में उन्हें कम से कम 5 साल लग जाएंगे।

भारत ने PAK एयर डिफेंस पर सबसे पहला हमला किया

भारत-पाकिस्तान के बीच सबसे बड़ी लड़ाई 9 और 10 मई की रात को हुई, जो 10 मई दोपहर तक चली। भारत ने इस दौरान पाकिस्तान के अलग-अलग इलाकों में बने एयरबेस को निशाना बनाया। भारत ने इस दौरान यह संदेश दे दिया वह कही भी जा सकते हैं और पाकिस्तान उन्हें रोक नहीं सकता।

भारतीय वायुसेना ने तय किया था कि सबसे पहले पाकिस्तान की एयर डिफेंस सिस्टम को खत्म किया जाएगा। ये पाकिस्तान की पूरी सीमा पर तैनात थीं, जिसमें पुराने अमेरिकी और चीनी रडार सिस्टम और चीन से मिली सतह से हवा में मार करने वाली HQ-9 मिसाइलें शामिल थीं, जिनकी मारक क्षमता 250 किलोमीटर से ज्यादा थी।

भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी पंजाब में मौजूद रडार स्टेशनों पर हमला किया और इन्हें नष्ट करने के लिए हैरोप और हार्पी ड्रोन इस्तेमाल किया। करीब चार से पांच रडार स्टेशन और एक चीनी मिसाइल सिस्टम का लांचर भारत ने तबाह कर दिया।

लाहौर जैसे बड़े शहरों में एयर डिफेंस सिस्टम को खत्म कर दिए जाने के बाद पाकिस्तान की एयर फोर्स की निगरानी क्षमता काफी घट गई।

आतंकियों के ठिकानों पर हमले से शुरुआत

भारत ने पाकिस्तान पर हमले की शुरुआत 6 और 7 मई की रात से की। भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया था। इन ठिकानों में पाकिस्तान के पंजाब राज्य के बहावलपुर और मुरीदके जैसे इलाके भी शामिल थे।

इसके जवाब में 8 मई की शाम को पाकिस्तान ने भारत के एयर डिफेंस सिस्टम पर हमला करने की कोशिश की। उन्होंने तुर्किये और चीन के ड्रोनों का इस्तेमाल किया, लेकिन इसमें उसे कामयाबी नहीं मिली।

भारत की वायु रक्षा पूरी तरह से सक्रिय थी और छोटे हथियारों से लेकर बड़े एयर डिफेंस सिस्टम तक हर हथियार तैयार था। इन हथियारों ने पाकिस्तान के ड्रोनों को काफी नुकसान पहुंचाया।

भारतीय सेना ने भी सीमा के दूसरी तरफ भारी तोपों और रॉकेट लॉन्चरों का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान की सेना को बुरी तरह से उलझा कर रखा और उसे बड़ा नुकसान पहुंचाया।

भारत के हमले से कंट्रोल सेंटर से संपर्क टूटा

9 मई को भारतीय वायुसेना ने आक्रामक कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के चकलाला, सरगोधा और मुरीद हवाई अड्डों पर हमला किया। इन ठिकानों पर मौजूद कमांड और कंट्रोल केंद्र (C2 सेंटर) नष्ट कर दिए गए।

भारत ने इन ठिकानों को तीन प्रमुख हथियारों से निशाना बनाया – इनमें दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें, रैम्पेज और स्कैल्प शामिल हैं। मिराज, राफेल, एसयू-30 और मिग-29 जैसे लड़ाकू विमानों को पिछले कुछ सालों में इन मिसाइलों से लैस किया गया है।

तीनों C2 सेंटरों के तबाह होने से पाकिस्तानी वायुसेना का संपर्क टूट गया। उनके विमान और ग्राउंड स्टेशनों के बीच कोई संपर्क नहीं रहा। इससे उनकी वायुसेना को गंभीर झटका लगा और वे कुछ भी तय नहीं कर पा रहे थे।

बिना फटे भारतीय जमीन पर गिरीं PAK मिसाइलें

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने जो हथियार इस्तेमाल किए, उनकी गुणवत्ता बहुत खराब थी। कुछ मिसाइलें तो बिना फटे जमीन पर गिर गईं, जिन्हें बाद में स्थानीय लोगों ने ढूंढ कर भारतीय सेना को सौंप दिया।

10 मई की सुबह भारतीय वायुसेना ने फिर से हमला किया। उसने सरगोधा, रफीकी, रहीमयार खान, जैकोबाबाद, भोलारी और कराची के पास एयरपोर्ट को निशाना बनाया। इन हमलों का मकसद था पाकिस्तान को फैसले लेने से रोकना और उसे भ्रम की स्थिति में डालना।

भारत ने ये हमले अपने क्षेत्र से ही किए, जिसमें लंबी दूरी तक मार करने वाले सटीक हथियारों का इस्तेमाल हुआ। मिसाइलें सीधे अपने लक्ष्यों पर जाकर गिरीं और भारी तबाही मचाई। भोलारी में एक हैंगर को निशाना बनाया गया, जिसमें पाकिस्तान वायुसेना के कुछ लड़ाकू विमान और एक एयरबोर्न रडार विमान था। यह हमला इतना शक्तिशाली था कि पाकिस्तान अब तक वहां से मलबा हटाना शुरू नहीं कर पाया है।

पंजाब के एक एयरबेस पर रनवे पर भी हमले किए गए, जिससे वहां से 8 घंटे तक कोई विमान उड़ान नहीं भर सका। इन हमलों की निगरानी भारत के उपग्रहों और एरियल वॉर्निंग सिस्टम (AWACS) विमानों से की गई।ऑ

ऑपरेशन सिंदूर से आतंकियों को संदेश मिला

ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में ही भारत के शीर्ष नेतृत्व ने सेना को संदेश दिया था कि हमले इतने जबरदस्त होने चाहिए कि पाकिस्तानी सेना में मौजूद आतंकवादियों के समर्थकों को साफ संदेश मिल जाए।

सेना को शुरू से ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि उन्हें सिर्फ हल्के या कम प्रभाव वाले हमलों से संतुष्ट नहीं होना है। उन्हें पूरी ताकत के साथ काम करने की छूट दी गई थी। मिसाइलों से जो तबाही मचाई गई, उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया और पाकिस्तानी नेटवर्क पर दिखीं। इससे साफ नजर आता है कि कैसे मिसाइलें छतों में एक छोटे से छेद के जरिए अंदर घुसती हैं और अंदर की इमारतों को पूरी तरह तबाह कर देती हैं।

ऐसा ही एक उदाहरण जैश-ए-मोहम्मद की उस इमारत में भी देखा गया, जिसे 2019 के बालाकोट हमले में भारतीय वायुसेना ने निशाना बनाया था। वहां भी छत में छोटा सा छेद था, लेकिन भीतर बहुत बड़ी तबाही हुई थी।

भारतीय वायुसेना ने जो खास हथियार इस्तेमाल किए, उनमें खुद से लक्ष्य पहचानने और उन पर नजर रखने की क्षमता थी। इन्हीं हथियारों से मिले वीडियो फुटेज को सेना और सरकार के शीर्ष अधिकारियों को दिखाया गया है, जिससे हमले की सफलता की पुष्टि होती है।

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