ईरानी ट्रॉफी के मैच में शानदार प्रदर्शन से ऑलराउंडर तनुश कोटियन ने सेलेक्टर्स का ध्यान खींचा है। पहली पारी में फिफ्टी, दूसरी पारी में शतक और तीन विकेट लेने वाले तनुश करुणाकर कोटियन बेहतरीन ऑलराउंडर बनकर उभरे हैं।
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इससे पहले रणजी ट्रॉफी में भी तनुश ने शानदार खेल दिखाया था। मुंबई चैंपियन बनी थी और तनुश को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब से नवाजा गया। 2018-19 में सौराष्ट्र के खिलाफ रणजी डेब्यू करने वाले कोटियन बेहतरीन ऑलराउंडर माने जाते हैं।
लखनऊ के इकाना स्टेडियम में ईरानी ट्रॉफी का चैंपियन मुंबई टीम के खिलाड़ी तनुश कोटियन ने दैनिक भास्कर से बातचीत की।
यह तस्वीर लखनऊ में ईरानी ट्रॉफी की चैंपियन मुंबई टीम की है।
सवाल: कितना जरूरी था यह मैच? ईरानी ट्रॉफी जीत को कैसे देखते हैं?
जवाब: हमारे लिए यह गेम काफी टफ था। ईरानी ट्रॉफी का मैच खेलकर मजा आया। काफी लंबे समय 27 साल बाद हमने ईरानी ट्रॉफी जीती है। जब मुंबई की टीम रणजी चैंपियन बनी तभी ऐसा लगा था कि अब ईरानी ट्रॉफी भी हमारे पास आएगी।
इसके लिए सभी लोग काम कर रहे थे। सपोर्ट स्टाफ ने भी बहुत अच्छा काम किया है, हम सभी लोगों को बैक किया है। तुषार और मुशीर को इंजरी भी हुई, लेकिन सभी ने मिलकर यह काम किया कि हम ट्रॉफी उठा सके। भगवान का शुक्रिया है।
ईरानी ट्रॉफी के साथ यह तस्वीर तनुश करुणाकर कोटियन की है।
सवाल: पहली इनिंग में आपने सरफराज के साथ अच्छी पार्टनरशिप की। मैच के दौरान क्या माइंडसेट रहा?
जवाब: फर्स्ट इनिंग में टीम कठिन हालात में थी। हमें पता था कि हमें बड़ा लक्ष्य देना होगा। पहले 500 के आसपास रन बनाने का सोचा गया था। पहली पारी में मैं 64 रन पर आउट हो गया, लेकिन सरफराज ने शानदार खेल दिखाया।
सेकेंड इनिंग में हमारी पारी लड़खड़ाई थी। हमारे दिमाग में यह था कि पिच पर ज्यादा से ज्यादा टाइम दूं। इसी आधार पर खेलता रहा और शतक पूरा करने का मौका मिला।
तनुश कोटियन ने कहा कि वे टीम इंडिया के लिए तैयारी कर रहे हैं।
सवाल: चौथे-पांचवें दिन विकेट पर टर्न अच्छा था। इसे कैसे देखते हैं?
जवाब: इकाना का विकेट बहुत अच्छा है, यहां खेलकर मजा आया। यह पूरा फ्लैट विकेट रहा। चौथे और पांचवें दिन विकेट पर टर्न होने लगा। टेस्ट मैच में ऐसा होता है। जब गेंद टर्न होने लगती है तो दिक्कत होती है, लेकिन हमने मैच को कंट्रोल में रखा।
सरफराज के साथ हो रही पार्टनरशिप में ऐसा कुछ दिमाग में नहीं चल रहा था। बस छोटा-छोटा रन बनाकर आगे बढ़ाने का दिमाग में चल रहा था। अच्छी पार्टनरशिप होगी, तो गेंदबाज हमें रन बनाने का मौका देंगे।
मुंबई की टीम 27 साल बाद ईरानी ट्रॉफी की चैंपियन बनी है।
सवाल: अजिंक्य रहाणे या सीनियर प्लेयर्स से क्या सीखते हैं। वे कैसे मोटिवेट करते हैं?
जवाब: अजिंक्य रहाणे टीम में रहते हैं तो हमारे लिए काफी अच्छा रहता है। अज्जू दादा सीनियर हैं। शार्दूल ठाकुर भी टीम में हैं, वह हमें बैक करते हैं। यह हम लोगों को मैसेज भेजते हैं। सपोर्ट करते हैं, ताकि हम बेहतर क्रिकेट खेल सकें। मोटिवेट करने के साथ में स्किल को बढ़ाने और उसमें सुधार लाने को भी सिखाते हैं।
मुंबई के ईरानी ट्रॉफी चैंपियन बनने पर खुशी जाहिर करते तनुश कोटियन।
सवाल: आप किसे आइडल मानते हैं? भविष्य की क्या योजना है?
जवाब: मैं आइडल अपने डैड को मानता हूं। उन्होंने मेरे लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने मेरे लिए काफी मेहनत की है। ईरानी ट्रॉफी मेरे लिए बहुत मायने रखती है, जितना हो सका मैंने काफी अच्छा काम किया।
5 दिनों तक बहुत गर्मी थी, लेकिन ग्राउंड पर खेलने में मजा आया। अभी रणजी के मुकाबले खेले जाने हैं। उसमें अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास करूंगा। अपने आप को टीम इंडिया के लिए तैयार करने में जुटा हुआ हूं।
शतक जड़ने पर तनुश को उनके साथी खिलाड़ी मोहित अवस्थी ने गले लगा लिया।
रणजी ट्रॉफी में रहे प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट तनुश ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल में 7 विकेट चटकाए थे। पहली पारी में तीन और दूसरी पारी में 4 विकेट उनको मिले। इसके अलावा सेमीफाइनल और क्वॉर्टर फाइनल में तनुश ने 4-4 विकेट लिए थे। सेमीफाइनल में उन्होंने 89 रनों की बेहतरीन पारी भी खेली थी। क्वार्टर फाइनल में उनके बल्ले से शतक निकला था। तब उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब मिला।
ड्रेसिंग रूम में ट्रॉफी के साथ श्रेयस अय्यर, पृथ्वी शॉ और तनुष।
कैसा रहा है तनुश कोटियन का सफर 26 साल के दाहिने हाथ के बल्लेबाज तनुश दाहिने हाथ से ही ऑफ ब्रेक गेंदबाजी करते हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में तनुश ने 30 मैच में 88 विकेट लिए। दो बार 5 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया।
इसके साथ ही उनके खाते में 1451 रन भी हैं। सर्वाधिक स्कोर 120 रन का रहा। दो शतक और 13 फिफ्टी लगा चुके हैं। लिस्ट ए के 19 मैच में 20 विकेट लिए हैं। 9 बार बल्लेबाजी करते हुए 90 रन बना चुके हैं। टी-20 के 24 मैचों में 28 विकेट तनुश के नाम हैं।