ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग के दर्शन कर लौट रहे एक युवक की नहर में डूबने से मौत हो गई। वह कर्नाटक से अपने दोस्त के साथ कार से आया था। कार का कांच वॉश करने के लिए बड़ी नहर में पानी लेने उतरा। बोतल में पानी भरते समय उसका पैर फिसला और वह डूब गया।
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बुधवार देर शाम को ओंकारेश्वर (मांधाता) पुलिस ने मृतक श्रीनिवास पिता उमाकांत बोये (25) निवासी जिला- बिदर कर्नाटक के शव को नहर से बाहर निकाला। पुलिस ने मर्ग कायम कर मृतक श्रीनिवास के दोस्त विशाल पिता शिवकुमार पाटील (28) निवासी कर्नाटक के बयान दर्ज किए।
दोस्त विशाल ने पुलिस को बताया…
विशाल ने बताया कि श्रीनिवास और मैं एक ही जगह के रहने वाले हैं। हम साथ में पढ़े हैं। 20 नवंबर को तीर्थ दर्शन के लिए अपनी कार से श्रीनिवास के साथ निकला था। नासिक दर्शन कर रास्ते में सूरत से एक दोस्त सत्या को साथ लिया। हम तीनों द्वारका गए। वहां से नागेश्वर व महेश्वर होते हुए ओंकारेश्वर दर्शन करने के लिए 26 नवंबर की दोपहर पहुंचे थे।
रात में मंदिर दर्शन किए, इसके बाद दोस्त सत्या यादव को दिल्ली जाना था, जिसकी ट्रेन अगले दिन इंदौर से सुबह 11 बजे थी। हम रात में ओंकारेश्वर में ही रुके। बुधवार सुबह 6 बजे सत्या को बस से इंदौर के लिए रवाना किया। मैं और श्रीनिवास सुबह करीब 11 बजे घर जाने के लिए कार से निकले।
रास्ते में ग्राम कोठी से निकली नहर के पास रुके थे। गाडी का कांच साफ करने के लिए श्रीनिवास बोतल लेकर नहर में पानी लेने चले गया। नहर से पानी निकालने के दौरान श्रीनिवास का पैर फिसल गया और वह गिर गया। उसे बचाने के लिए किनारे पर गया। मेरे चिल्लाने की आवाज पर कुछ लोग आए, लेकिन नहर के पानी का बहाव अधिक होने के कारण वह डूब गया।
नहर का पानी कम कराया, तब जाकर शव निकाला गया।
नहर का पानी कम कराया, तब लाश सामने आई
विशाल ने कहा कि मैंने श्रीनिवास को बचाने का प्रयास किया। काफी तलाश करने के बाद पुलिस को सूचना दी। नहर का पानी कम करवाया फिर मैंने और वहां के लोगों ने तलाश की।
मेरा दोस्त श्रीनिवास नहर में करीब 200 मीटर दूरी पर मिला, लेकिन उसकी मृत्यु हो चुकी थी। पुलिस ने गुरुवार शव का पोस्टमार्टम कराया। कर्नाटक से परिजन के पहुंचने के बाद शव को उनके सुपुर्द किया जाएगा।