कटिहार में समाज कल्याण विभाग के वृहद आश्रय गृह से फरार हुई किशोरियों की रिकवरी के बाद जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा और पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की।डीएम मीणा ने कहा कि 18 फरवरी और 7 मार्च को दो बालिकाओं के 20 दिन तक फरार रहने
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डीएम ने स्पष्ट किया कि आश्रय गृह में किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत केवल बाल कल्याण समिति या न्यायालय के आदेश से ही प्रवेश दिया जाता है। जांच के लिए अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय टीम का गठन किया गया। जांच में बालिकाओं ने कोई शिकायत नहीं की। आश्रय गृह में स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन, आवास और सुरक्षा व्यवस्था संतोषजनक पाई गई।
लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर होगी कार्रवाई
पलायन की घटना में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है। यह आश्रय गृह कटिहार प्रखंड कार्यालय के पास स्थित है। यहां कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल और बेगूसराय के बच्चों को रखा जाता है। बालिका गृह यूनिट-1 में 7 से 16 साल की 61 लड़कियां रहती हैं। 21 साल तक की कुल 66 बालिकाएं आवासित की गई है।
सभी बालिकाएं अनाथ ,परित्यक्ता, भूली बिछड़ी, प्रेम प्रसंग, रेड लाइट एरिया, ट्रैकिंग से मुक्त कराई गई है। बच्चियों का आवासन् बाल कल्याण समिति न्यायालय के आदेश से आवासित कराए जाते हैं। यहां बच्चों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से वृहद आश्रय गृह का परिसर सीसीटीवी कैमरा से लैस है।
बालिका गृह यूनिट 2 से दिनांक 17 फरवरी 2025 और दिनांक 7 मार्च 2025 को बालिकाओं के पलायन के संबंध में सूचना मिली ।बालिकाओं के पलायन की सूचना मिलने पर जिला बाल संरक्षण इकाई ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुसार नजदीकी थाना में नियमानुसार 18 फरवरी और 8 मार्च 2025 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी।