टोरंटो27 मिनट पहले
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मार्क कार्नी ने 10 पहले ही जस्टिन ट्रूडो की जगह कनाडा के प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला है।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने रविवार को देश में 28 अप्रैल को आम चुनाव की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से निपटने के लिए मजबूत जनादेश चाहते हैं।
कनाडाई पीएम ने कहा कि अमेरिका के साथ टैरिफ वॉर हमारे लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है। वो हमें तोड़ना चाहते हैं ताकि अमेरिका हमारा मालिक बन जाए, हम ऐसा नहीं होने देंगे।
कार्नी ने कहा कि कनाडा को सुरक्षित करने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। उन्होंने टैरिफ वॉर से परेशान किसानों और व्यवसायों को मदद देने की योजनाओं के बारे में भी बयान दिया।
मार्क कार्नी ने 10 दिन पहले ही कनाडा के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। उन्होंने 9 फरवरी को लिबरल पार्टी के नेता का चुनाव जीता था। कार्नी को 85.9% वोट मिले थे।

मार्क कार्नी ने 14 मार्च को कनाडा के 24वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।
ट्रम्प के टैरिफ से निपटने के लिए एक्शन लेने की जरूरत कार्नी ने बताया कि उन्होंने PM पद की शपथ लेने के बाद ऑस्ट्रेलिया के साथ नए राष्ट्रीय रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ संबंधों को मजबूत करने का काम किया, यूरोपीय यूनियन के साथ नए व्यापार समझौते पर चर्चा शुरू की।
कनाडाई पीएम ने कहा कि आज युवाओं को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन फिर भी उन्हें किराया देने और अपने बच्चों के लिए बचत करने में दिक्कत होती है।
उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि अमेरिकियों से लड़ने, ट्रम्प के टैरिफ से निपटने और कनाडा की अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए हमारे देश को एक्शन लेने की जरूरत है।
कार्नी ने कहा कि वो महिलाओं के अबॉर्शन अधिकार का समर्थन करते हैं, जैसा कि उनकी लिबरल पार्टी भी करती है।

ट्रम्प विरोधी भावना से लिबरल पार्टी को फायदा इस महीने की शुरुआत में जारी चुनावी सर्वे में लिबरल पार्टी को विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी से ज्यादा लोकप्रियता मिली थी। इप्सोस के सर्वे में लिबरल को 38% और कंजरवेटिव को 36% समर्थन मिला था।
इस सर्वे से छह सप्ताह पहले कंजरवेटिव पार्टी को 46% लोगों का समर्थन था, जबकि लिबरल को 12% पसंद कर रहे थे। छह सप्ताह में पार्टी की लोकप्रियता में 26% का जबरदस्त उछाल आया।
दरअसल, कनाडा पर ट्रम्प के जुबानी हमलों से लिबरल पार्टी को समर्थन मिला है। इप्सोस ने कहा कि ट्रम्प विरोधी भावना और लिबरल पार्टी के नए नेतृत्व को लेकर कंजरवेटिव को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
बैंकर और इकोनॉमिस्ट हैं मार्क कार्नी मार्क कार्नी इकोनॉमिस्ट और पूर्व केंद्रीय बैंकर हैं। कार्नी को 2008 में बैंक ऑफ कनाडा का गवर्नर चुना गया था। कनाडा को मंदी से बाहर निकालने के लिए उन्होंने जो कदम उठाए, उसकी वजह से 2013 में बैंक ऑफ इंग्लैंड ने उन्हें गवर्नर बनने का प्रस्ताव दिया।
बैंक ऑफ इंग्लैंड के 300 साल के इतिहास में वे पहले ऐसे गैर ब्रिटिश नागरिक थे, जिन्हें यह जिम्मेदारी मिली। वे 2020 तक इससे जुड़े रहे। ब्रेग्जिट के दौरान लिए फैसलों ने उन्हें ब्रिटेन में मशहूर बना दिया।

ट्रम्प के विरोधी हैं कार्नी कार्नी लिबरल पार्टी में ट्रम्प के विरोधी हैं। उन्होंने चुनाव से पहले एक बहस के दौरान कहा था कि ट्रम्प की धमकियों से पहले ही देश की हालत खराब है। बहुत से कनाडाई बदतर जीवन जी रहे हैं। अप्रवासियों की संख्या बढ़ने से देश की हालत और खराब हो गई है।
कार्नी अपने विरोधियों की तुलना में अपने कैंपेनिंग को लेकर ज्यादा सतर्क थे। PM पद का उम्मीदवार बनने के बाद से चुनाव होने तक उन्होंने एक भी इंटरव्यू नहीं दिया था।
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ट्रम्प की धमकियों का ट्रूडो की पार्टी को फायदा मिला:लिबरल पार्टी टॉप पर पहुंची, कंजरवेटिव से 26% पीछे थी, अब 2% की बढ़त

अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने कनाडा और वहां के पीएम जस्टिस ट्रूडो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। ट्रम्प ने ट्रूडो का गवर्नर ट्रूडो कहा और कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने का भी प्रस्ताव दिया था। लेकिन, इन हमलों का कनाडा में सत्ताधारी ट्रूडो की लिबरल पार्टी को बड़ा फायदा मिला है। यहां खबर भी पढ़ें…