पुलिसिंग ऐसी होनी चाहिए जिससे जनता को महसूस हो कि पुलिस आपके साथ है। जनता में सुरक्षा का भाव हो। नाबालिग और लिस्टेड बदमाश जो चाकूबाजी करते हैं, इनकी स्पेशल मॉनिटरिंग कर नियंत्रण किया जाए कि इन्हें चाकू मिलते कहां से हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर हथियार द
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यह बात पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने सोमवार को अपनी पहली क्राइम बैठक में कही। 1 माह के ऑब्जर्वेशन बाद सिंह ने टीआई से लेकर डीसीपी रैंक के अधिकारियों की बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे कैसी पुलिसिंग चाहते हैं। इसके लिए चारों जोन के डीसीपी ने अपनी-अपनी पुलिसिंग को लेकर विशेष प्रेजेंटेशन दिए।
डीसीपी जोन-4 ने माइक्रो बीट सिस्टम पर प्रेजेंटेशन दिया तो डीसीपी जोन 2 ने एआई से बीट कंट्रोल व रात्रि गश्त व चेकिंग पर सुपर मॉनिटरिंग से पुलिस व्यवस्था को समझाया। दोनों की कमिश्नर ने सराहना की।
हर थाना क्षेत्र में सेक्टर बनाकर पुलिसिंग करें, अपराध रोकें
- हर टीआई को अपने इलाके के सेक्टर बनाने होंगे। इन सेक्टर्स को एसआई और एएसआई व हेड कांस्टेबल रैंक के अफसरों में बांटकर पुलिसिंग करवाएं।
- टीआई से लेकर कांस्टेबल तक डायरी मेंटेन करें। जिसमें अपने-अपने अलॉट किए क्षेत्र के गुंडे, बदमाश, ड्रग पैडलर्स, अनैतिक व्यापार के अड्डे, होस्टल, पीजी, रेस्टोरेंट, बार, शराब दुकान, एटीएम, बैंक, हॉस्पिटल, क्षेत्रीय राजनेता व मोहल्ले की समिति व रहवासी संघ के बारे में, उनके प्रमुखों की जानकारी रहे और वे सतत संपर्क में रहें।
- सोशल मीडिया पर किसी भी बदमाश की रील, फोटो या हथियार के साथ उसका प्रचार-प्रसार बर्दाश्त न करें। इसके लिए क्राइम ब्रांच को अलर्ट किया।
- किसी भी घटना, वारदात में बीट के जवान और टीआई के पहुंचने के रिस्पांस टाइम को सुधारें। ये 10 मिनट के अंदर रहे।
- चौराहों पर बॉडी वार्म कैमरे और रात की चेकिंग में ब्रीथ एनालाइजर से ही चेकिंग हो। जरूरत हो तो शहर के इंट्री, एक्जिट पॉइंट पर ट्रैकर डॉग स्क्वाड से भी चेकिंग करें।
- क्षेत्र में नशा करने वाले, बेचने वालों की बैक मॉनिटरिंग करें कहां से नशा ला रहे हैं।
- सभी टीआई अपने क्षेत्र के ‘ग्रे-शेडो एरिया’ चिह्नित करें, जहां अपराध और अपराधियों की मौजूदगी अधिक होती है। ऐसे एरिया में बीट के जवानों की पेट्रोलिंग बढ़ाएं।
अच्छे काम पर इनाम दें, काम न करने वालों को सजा- कमिश्नर ने सभी डीसीपी, एडिशनल डीसीपी, एसीपी और टीआई को स्पष्ट कहा कि जो भी अच्छा काम करें, उन्हें प्रशंसा व इनाम देने से न चूकें। वहीं, जिन कर्मचारियों की शिकायतें होती हैं, उन्हें सजा के लिए लिखने से भी न चूकें। उन्होंने मल्हारगंज टीआई की कार्यशैली पर सख्त हिदायत दी। बताते हैं थाने के एक गिरफ्तारी वारंट में ठीक से कार्रवाई न करने पर वे नाराज दिखे।