स्क्रैप गोदाम की आड़ में फल-फूल रहा है अवैध कारोबार, सफेदपोशों के संरक्षण का आरोप
धनबाद/झरिया: करकेंद पानी टंकी के समीप स्थित एक स्क्रैप गोदाम में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से बीसीसीएल और रेलवे के लोहे को खपाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। स्थानीय सूत्रों की मानें तो यह गोदाम महज एक परदा है, जिसके पीछे एक सुनियोजित चोरी और तस्करी का रैकेट चलाया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, केंदुआ से लेकर पुटकी तक सक्रिय कुछ स्क्रैप कारोबारी—जिनमें एकरार मियां का गोदाम भी शामिल है—स्थानीय युवकों को आर्थिक प्रलोभन देकर रात के अंधेरे में बीसीसीएल की बंद पड़ी खदानों, कोलियरी और स्क्रैप शेड से भारी वाहनों के लोहे के पार्ट्स और पुर्जे चोरी करवाते हैं। चोरी किया गया यह लोहा करकेंद स्थित गोदाम में एकत्र किया जाता है।
रेलवे के लोहे की भी तस्करीहैरानी की बात यह है कि बीसीसीएल के साथ-साथ रेलवे संपत्ति—विशेष रूप से पुराने ट्रैक, सिग्नल पोल और अन्य लोहे के भारी उपकरण—भी चोरी कर पास के जंगलों में छिपाया जाता है, जिसे बाद में कटवाकर गोदामों में लाया जाता है। यहां से इन लोहे के टुकड़ों को क्रेन के जरिए ट्रकों में लादकर अन्य राज्यों में भेजा जाता है, जिससे भारी मुनाफा कमाया जा रहा है।
प्रशासनिक संरक्षण का आरोपस्थानीय सूत्रों का दावा है कि इस अवैध कारोबार को कुछ सफेदपोशों और सरकारी तंत्र से जुड़े लोगों का संरक्षण प्राप्त है, जो सब कुछ जानने के बावजूद आंखें मूंदे हुए हैं। इस संगठित अवैध व्यापार में कई कथित “कलम के सिपाही” भी शामिल हैं जो कार्रवाई की बजाय मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं।
जांच की मांगस्थानीय लोगों और जागरूक नागरिकों ने खनन विभाग, बीसीसीएल प्रशासन और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) से मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते इस पर लगाम नहीं लगाई गई, तो यह न केवल सार्वजनिक संपत्ति की लूट है, बल्कि स्थानीय युवाओं को अपराध की ओर भी धकेल रहा है।
