घरौंडा में इस कार्यालय में बैठेंगे जज।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर करनाल के घरौंडा में एक नई अदालत की स्थापना की गई है। न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में उठाए गए इस कदम के तहत श्री गौरंग शर्मा को अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के रूप में तैनात किया गया है।
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अब घरौंडा के लोगों को छोटे-छोटे मामलों के लिए करनाल नहीं जाना पड़ेगा। घरौंडा को सब डिवीजन का दर्जा मिलने के बाद से कोर्ट की मांग की जा रही थी, जो अब पूरी हो गई है। नई अदालत की शुरुआत से क्षेत्र के लोगों को त्वरित और सुलभ न्याय मिल सकेगा।
घरौंडा एसडीएम कार्यालय के बाहर बैठे टाइप राईटर।
नवनिर्मित अदालत में गौरंग शर्मा को मिली नई भूमिका
हाल ही में बनी इस अदालत में गौरंग शर्मा को न केवल तैनात किया गया है, बल्कि उन्हें अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के पद पर पदोन्नत भी किया गया है। इससे पहले वे गुरुग्राम में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे।अब घरौंडा में उन्हें न्यायिक कार्यों को सुचारू ढंग से संचालित करने की नई जिम्मेदारी दी गई है। हाईकोर्ट ने 26 अप्रैल को चंडीगढ़ से उनका तबादला आदेश जारी करते हुए निर्देश दिए थे कि वे तुरंत घरौंडा में कार्यभार ग्रहण करें।
हाईकोर्ट ने दिए थे तत्काल कार्यभार संभालने के निर्देश
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने तबादला आदेश में साफ निर्देश दिए थे कि न्यायिक कार्यों में कोई बाधा न आए, इसलिए गौरंग शर्मा को बिना देरी किए नई जगह पर कार्यभार संभाले। इसके साथ ही कोर्ट के कामकाज में निरंतरता बनी रहे, इस पर भी खास जोर दिया गया था।
घरौंडा के लोगों को त्वरित न्याय मिलने की उम्मीद
गौरंग शर्मा के अनुभव और कार्यशैली को देखते हुए उनके तबादले को न्यायिक गलियारों में सकारात्मक रूप में देखा जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि उनके नेतृत्व में घरौंडा की नई अदालत में न सिर्फ न्यायिक कार्यों की गति बढ़ेगी बल्कि गुणवत्ता भी बेहतर होगी।

घरौंडा तहसील में काम के लिए आए लोगों की फाइल फोटो।
स्थानीय लोगों के लिए यह बड़ा राहत भरा कदम है। पहले जहां छोटे-मोटे केसों के लिए करनाल की अदालतों के चक्कर काटने पड़ते थे, अब घरौंडा में ही सिविल और जेएमआईसी से जुड़े मामलों का निपटारा हो सकेगा।
लंबे समय से चल रही थी कोर्ट स्थापना की मांग
घरौंडा को जब से सब डिविजन का दर्जा मिला था, तभी से यहां कोर्ट स्थापित किए जाने की मांग उठ रही थी। लोगों का कहना था कि छोटी-छोटी सुनवाइयों के लिए उन्हें करनाल जाकर समय और पैसे दोनों खर्च करने पड़ते हैं। अब नई अदालत के शुरू होने से न केवल उनका समय बचेगा, बल्कि न्याय भी स्थानीय स्तर पर जल्दी मिल पाएगा। घरौंडा के लोगों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि और सपना पूरा होने जैसा है।