करनाल में थाली बजाकर प्रदर्शन करते कर्मचारी।
करनाल जिले में शहरी सफाई कर्मचारियों ने बुधवार को एचएसवीपी के खिलाफ थाली बजाकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों के कान खोलने के लिए यह प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया है, ताकि उनकी आवाज प्रशासन तक पहुंचे। प्रदर्शनका
.
तीन महीने से वेतन नहीं मिला, टूटा सब्र का बांध
सफाई कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिला है। दो महीने की तनख्वाह अभी भी बकाया है, जिससे घर की सारी जिम्मेदारियां बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं। वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों की आर्थिक हालत खराब हो चुकी है। कई कर्मचारी दुकानों से उधार लेकर गुजारा कर रहे हैं, लेकिन अब दुकानदारों ने भी उधारी देना बंद कर दिया है। इससे उनका जीवन यापन बेहद मुश्किल हो गया है।
बच्चों की पढ़ाई पर भी संकट
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि नया शिक्षा सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन बच्चों के एडमिशन और फीस भरने के लिए पैसे नहीं हैं। वेतन समय पर नहीं मिलने के कारण बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। कई कर्मचारी ऐसे हैं जिनके बच्चों को स्कूलों से नोटिस मिल चुके हैं। इससे पूरे परिवार पर मानसिक दबाव बढ़ता जा रहा है।
करनाल में प्रदर्शन करते सफाई कर्मचारी।
ठेकेदार की मनमानी से परेशान
कर्मचारियों का कहना है कि जब से यह काम ठेकेदार के पास गया है, तब से लगातार वेतन भुगतान में देरी हो रही है। यह कोई पहली बार नहीं है, पहले भी कई बार इसी तरह सैलरी अटक चुकी है। कर्मचारियों का आरोप है कि ठेकेदार की मनमानी के चलते हर बार उन्हें भुगतना पड़ता है। कई बार एचएसवीपी अधिकारियों को लिखित में शिकायत दी गई, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
ब्लैकलिस्ट ठेकेदार फिर नहीं राहत
प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि मौजूदा ठेकेदार पहले ही नगर निगम से ब्लैकलिस्ट हो चुका है, बावजूद इसके उसकी मनमानी लगातार जारी है। कर्मचारियों को समय पर वेतन न देकर लगातार मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि वे रोज शहर को स्वच्छ रखने के लिए मेहनत करते हैं, लेकिन जब खुद उनका ही जीवन अस्त-व्यस्त हो जाए तो वह कहां जाएं।
समाधान की मांग, नहीं तो आंदोलन होगा तेज
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने साफ शब्दों में कहा कि अब वे सिर्फ आश्वासन नहीं, ठोस समाधान चाहते हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि ठेकेदार की जांच कर तत्काल प्रभाव से वेतन जारी किया जाए। यदि ऐसा नहीं होता तो अगला कदम बड़े आंदोलन का होगा, जिसमें शहरभर के सफाई कर्मचारी शामिल होंगे।