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- Karnataka HC Judge Controversy; Expresses Regret Over Mini Pakistan Remarks | Srishananda
बेंगलुरु9 मिनट पहले
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जस्टिस श्रीशानंद कर्नाटक हाईकोर्ट के एडिशनल जज के रूप में 4 मई 2020 को अपॉइंट किए गए थे। 25 सितंबर को वे परमानेंट जज बने थे।
कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस वी श्रीशानंद ने सुनवाई के दौरान किए गए विवादित कमेंट्स पर खेद जताया है। शनिवार को कोर्ट प्रोसीडिंग के दौरान उन्होंने कहा कि कमेंट्स को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत ढंग से दिखाया गया है।
जब जस्टिस श्रीशानंद यह मैसेज पढ़ रहे थे तब एडवोकेट्स एसोसिएशन, बेंगलुरु (एएबी) के कुछ सदस्य भी मौजूद थे। वकीलों के मुताबिक जज ने भविष्य में दोबारा ऐसा न करने का आश्वासन दिया है।
दरअसल, जस्टिस श्रीशानंद के दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। एक में वे पश्चिमी बेंगलुरु के एक मुस्लिम इलाके को पाकिस्तान कहते दिखे। दूसरे में महिला वकील को फटकार लगाते नजर आए थे।
ये कमेंट्स अनजाने में किए गए थे। किसी व्यक्ति या समाज को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। अगर किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसके लिए खेद व्यक्त करता हूं।
जस्टिस वी श्रीशानंद, कर्नाटक हाईकोर्ट
एडवोकेट एसोसिएशन बेंगलुरु के सदस्यों के सामने पढ़ा मैसेज बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस श्रीशानंद ने शनिवार 21 सितंबर को एडवोकेट एसोसिएशन बेंगलुरु और बार एसोसिएशन सीनियर वकीलों को बुलाया और कमेंट्स पर खेद जताते हुए एक नोट पढ़ा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक सुब्बा रेड्डी ने कहा कि उन्हें अपनी टिप्पणियों पर खेद है और उन्होंने हमसे कहा कि हम बार के सभी सदस्यों को यह बात बता दें।
एक वकील ने बताया कि जस्टिस श्रीशनंद ने वकीलों से अपना संदेश महिला वकील तक पहुंचाने को भी कहा। जस्टिस श्रीशानंद ने यह भी कहा है कि वे भविष्य में ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- गाइडलाइन जारी करेंगे वीडियो सामने आने के बाद 20 सितंबर को CJI चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से 2 हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल (AG) आर वेंकटरमणि और सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता से भी मदद मांगी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि कुछ बेसिक गाइडलाइन जारी की जा सकती हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद लाइव स्ट्रीमिंग की रिकॉर्डिंग पर रोक यूट्यूब चैनल से वीडियो क्लिप वायरल होने के एक दिन बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपनी अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने से आधा घंटे पहले एक डिस्क्लेमर दिया। इसमें बिना परमिशन वीडियो रिकॉर्ड करने पर रोक लगा दी गई है। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मैसेज में कहा गया है- कोई भी व्यक्ति, संस्था, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लाइव-स्ट्रीम की गई कार्यवाही को रिकॉर्ड, शेयर या पब्लिश नहीं करेगा। इसके लिए पहले से परमिशन लेनी होगी।
महिला वकील पर भी आपत्तिजनक कमेंट किया था जस्टिस श्रीशानंद दूसरे वीडियो में वे एक महिला वकील को फटकार लगाते नजर आ रहे हैं। जस्टिस श्रीशानंद ने महिला वकील से कहा कि वह दूसरे पक्ष के बारे में बहुत कुछ जानती हैं। हो सकता है अगली बार वे उसके अंडरगारमेंट का रंग भी बता दें।
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