कांकेर में प्रस्तावित गढ़िया जलाशय से किसानों को मिलेगी राहत
कांकेर के दुधावा इलाके में एक नए जलाशय का निर्माण प्रस्तावित है। यह मौजूदा दुधावा जलाशय से बड़ा होगा। बासनवाही के किसान लंबे समय से इस जलाशय की मांग कर रहे हैं। वे गढ़िया क्षेत्र में जलाशय निर्माण के लिए अपनी जमीन देने को भी तैयार हैं।
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कांकेर में दिसंबर से ही पानी की गंभीर समस्या शुरू हो जाती है। किसानों के पास सिंचाई के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं। इस कारण रबी फसल पर भी प्रतिबंध लगाना पड़ता है। इस बार किसानों को काफी नुकसान हुआ है। नदियों का जल स्तर बहुत नीचे चला गया है। रबी की फसलें खराब हो रही हैं।
प्रस्तावित जलाशय से न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि नहरों के जरिए कांकेर शहर तक पानी पहुंचाया जा सकेगा। इससे शहरवासियों को भी पीने के पानी की सुविधा मिलेगी। बासनवाही के किसानों का मानना है कि जलाशय बनने से क्षेत्र की सिंचाई समस्याएं दूर होंगी और फसलों का नुकसान कम होगा।
कांकेर की भूमि पर बना जलाशय धमतरी के लिए होता है उपयोग
कांकेर जिले के ग्राम दुधावा में स्थित दुधावा जलाशय भले ही कांकेर की भूमि पर बना हो, लेकिन इसका अधिकांश उपयोग धमतरी जिले के लिए होता है। यह जलाशय 90% धमतरीवासियों की जरूरतों को पूरा करता है, क्योंकि निर्माण के समय इसकी अधिकांश जमीन धमतरी जिले से ली गई थी। संचालन भी रुद्री (धमतरी) से ही किया जाता है और इसका मुख्य उपयोग गंगरेल जलाशय को भरने में किया जाता है।
गंगरेल जलाशय भरने के दौरान महानदी से पानी लिया जाता है, जिसे इंटेकवेल के माध्यम से शुद्ध कर कांकेर में जल आपूर्ति की जाती है। इसका मतलब है कि कांकेरवासियों को अपने ही जिले के जलाशय से परोक्ष रूप से ही पानी मिल पा रहा है।
गढ़िया में जलाशय निर्माण की मांग तेज
कांकेर के बासनवाही (साईमुंडा) क्षेत्र में स्थित गढ़िया पहाड़ तीन दिशाओं से पहाड़ों से घिरा हुआ है, जिससे वहां एक बड़ा प्राकृतिक डुबान क्षेत्र निर्मित होता है। स्थानीय किसानों और जनप्रतिनिधियों का मानना है कि यहां जलाशय का निर्माण संभव और लाभकारी है। यह नया जलाशय न केवल सिंचाई की सुविधा देगा बल्कि जल संकट से जूझ रहे गांवों को राहत भी प्रदान करेगा।
शासन-प्रशासन को ज्ञापन, लेकिन कार्रवाई नहीं
किसान संघ और क्षेत्रीय संगठनों द्वारा लगातार शासन-प्रशासन को ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। किसानों का कहना है कि यह उदासीनता हैरान करने वाली है, जबकि क्षेत्र में जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है।
विधायक को सौंपा गया ज्ञापन, जल संकट और विकास की संभावनाएं उजागर
वृहद किसान व प्रेरक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संदीप द्विवेदी ने बताया कि इस मुद्दे को विधायक निवास घेराव के दौरान प्रमुखता से उठाया गया है। उनका कहना है कि गढ़िया जलाशय का निर्माण जल संकट से जूझ रहे क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा और यह नया उद्योग स्थापित करने का आधार भी बन सकता है।
परलकोट के बाद जिले का सबसे बड़ा जलाशय बन सकता है गढ़िया
फिलहाल जिले में पखांजूर स्थित परलकोट जलाशय सबसे बड़ा है, लेकिन बासनवाही में प्रस्तावित जलाशय यदि बना तो वह इससे भी बड़ा होगा और व्यापक क्षेत्र को लाभ देगा, जो अभी छोटे-छोटे जलाशयों से वंचित हैं।