Sunday, June 8, 2025
Sunday, June 8, 2025
Homeदेशकांग्रेस का 84वां अधिवेशन आज से अहमदाबाद में: 64 साल बाद...

कांग्रेस का 84वां अधिवेशन आज से अहमदाबाद में: 64 साल बाद गुजरात में हो रहा; आज CWC की मीटिंग, कल 1700 प्रतिनिधियों की चर्चा


  • Hindi News
  • National
  • Congress AICC Session 2025 Update; Rahul Gandhi | Sonia Priyanka Gandhi Kharge

अहमदाबाद4 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

अहमदाबाद में कांग्रेस दफ्तर के बाहर कांग्रेस पार्टी का झंडा फहराता हुआ पार्टी कार्यकर्ता।

कांग्रेस का 84वां अधिवेशन आज और कल अहमदाबाद में हो रहा है। गुजरात में 64 साल बाद पार्टी यह कार्यक्रम कर रही है। इससे पहले 1961 में भावनगर में अधिवेशन हुआ था। यह आजादी के बाद गुजरात में पहला कार्यक्रम था। आज और कल होने वाला अधिवेशन दूसरा है।

इस साल महात्मा गांधी के बतौर कांग्रेस अध्यक्ष 100 साल पूरे हो रहे हैं। इसके अलावा सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती भी है। दोनों ही महान विभूतियां गुजरात में पैदा हुई थीं, इसलिए कांग्रेस पार्टी ये अधिवेशन गुजरात में कर रही है।

8 अप्रैल को कार्यक्रम की शुरुआत कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के साथ होगी। यह बैठक सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक में होगी। इसमें CWC के सदस्यों के साथ-साथ कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।

9 अप्रैल को मुख्य अधिवेशन होगा, जिसमें देशभर से 1700 से अधिक कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि भाग लेंगे। यह कार्यक्रम साबरमती रिवर फ्रंट पर होगा। यहां VVIP डोम बनाया गया है। इस अधिवेशन की थीम है, ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण, और संघर्ष।’

अधिवेशन में सोनिया गांधी, राहुल, प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे सीनियर लीडर मौजूद रहेंगे। पार्टी के मुताबिक यह अधिवेशन गुजरात में संगठन को मजबूत करने और 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए रोडमैप तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

अधिवेशन के लिए कांग्रेस की तैयारियां

  • रणनीति और अभियान की शुरुआत अधिवेशन में 2027 के गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाई जाएगी। इसके साथ ही ‘संविधान बचाओ यात्रा’ नामक राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत भी अहमदाबाद से होगी, जिसका लक्ष्य भाजपा को चुनौती देना और कांग्रेस की स्थिति मजबूत करना है।
  • ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 15 सदस्यीय ड्राफ्टिंग कमेटी बनाई है, जिसके संयोजक रणदीप सुरजेवाला हैं। इसमें भूपेश बघेल, सचिन पायलट और विक्रांत भूरिया जैसे नेता शामिल हैं। यह कमेटी अधिवेशन में चर्चा के लिए प्रस्तावों और रणनीतियों का मसौदा तैयार कर रही है। कमेटी की कई बैठकें दिल्ली और अन्य स्थानों पर हो चुकी हैं, जहां बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों पर फोकस किया गया।
  • होटलों के 2000 कमरे बुक दो दिवसीय कार्यक्रम में करीब 3000 कांग्रेस नेता शामिल होंगे। इसलिए अहमदाबाद शहर और आसपास 2000 होटल कमरे बुक किए गए हैं। इसके चलते ITC नर्मदा और कोर्टयार्ड समेत बड़े होटल कंपलीट बुक्ड हैं।कार्यकर्ता ‘कार सेवा’ प्रदान करेंगे।
  • कारों और बसों की भी व्यवस्था नेताओं को ले जाने और लाने के लिए कारों और बसों की भी व्यवस्था की गई है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी कार लेकर सेवा में शामिल होने के लिए सूचित किया गया है। होटल की कारें भी बुक की गई हैं और कुछ कारें निजी ट्रैवल एजेंसियों से भी किराए पर ली जा रही हैं।

कांग्रेस ने गुजरात में 5 अधिवेशन किए

गुजरात में कांग्रेस के चुनावी सफर पर एक नजर गुजरात में कांग्रेस का चुनावी सफर एक लंबी और उतार-चढ़ाव भरी कहानी है। स्वतंत्रता के बाद से लेकर अब तक कांग्रेस ने गुजरात में कभी मजबूत पकड़ बनाई तो कभी उसे सत्ता से बाहर होना पड़ा।

  • स्वतंत्रता के बाद का दौर (1960-1990) 1960 में गुजरात के गठन के बाद कांग्रेस ने राज्य में अपनी मजबूत स्थिति बनाई। 1962, 1967 और 1972 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने जीत हासिल की। इस दौरान जिवराज मेहता, बलवंतराय मेहता और हितेंद्र देसाई जैसे गांधीवादी नेताओं ने पार्टी को नेतृत्व दिया।
  • माधवसिंह सोलंकी युग 1980 और 1985 में कांग्रेस ने माधवसिंह सोलंकी के नेतृत्व में शानदार प्रदर्शन किया। 1985 में कांग्रेस ने 149 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया, जो गुजरात विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी की सबसे बड़ी जीत थी। सोलंकी की ‘KHAM’ (क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी, मुस्लिम) रणनीति ने पार्टी को सामाजिक गठजोड़ के आधार पर मजबूत किया।
  • 1995 में भाजपा की एंट्री 1962 से 1984 तक कांग्रेस ने गुजरात की ज्यादातर लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाए रखा। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति लहर में कांग्रेस ने सभी 26 सीटें जीतीं। 1990 के दशक में हिंदुत्व और राम मंदिर आंदोलन के साथ भाजपा ने गुजरात में पैर जमाने शुरू किए। 1995 में पहली बार भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीता और कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई।
  • 7 चुनाव से कांग्रेस सत्ता से दूर 2002 के दंगों के बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने गुजरात को अपना गढ़ बना लिया। कांग्रेस का वोट शेयर लगातार कम होता गया। 2002 में कांग्रेस को 51 सीटें मिलीं, जो 1998 की 53 से कम थीं। 2007 में कांग्रेस को 59 सीटें मिलीं। 2012 में भी कांग्रेस 61 सीटों पर सिमट गई। 2017 में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया और 77 सीटें जीतीं, लेकिन सत्ता से दूर रही। 2022 में आम आदमी पार्टी (AAP) के उभरने से कांग्रेस का वोट बंटा और वह मात्र 17 सीटों पर सिमट गई।
  • 24 साल बाद 1 लोकसभा सीट जीती 2004 में कांग्रेस ने गुजरात में 12 सीटें जीतीं, लेकिन 2009 में यह संख्या 11 हो गई। 2014 और 2019 में भाजपा ने सभी 26 सीटें जीतकर कांग्रेस को शून्य पर ला दिया। 2024 में कांग्रेस ने बनासकांठा सीट जीतकर 10 साल बाद खाता खोला, लेकिन कुल मिलाकर उसका प्रदर्शन कमजोर रहा।

कांग्रेस के गुजरात अधिवेशन से जुड़ी पुरानी तस्वीरें…

तस्वीर 1921 के अहमदाबाद अधिवेशन की है। महात्मा गांधी इसमें शामिल हुए थे।

तस्वीर 1921 के अहमदाबाद अधिवेशन की है। महात्मा गांधी इसमें शामिल हुए थे।

1932 के हरिपुर अधिवेशन के दौरान महात्मा गांधी, सुभाष चंद्रे बोस और सरदार बल्लभ भाई पटेल।

1932 के हरिपुर अधिवेशन के दौरान महात्मा गांधी, सुभाष चंद्रे बोस और सरदार बल्लभ भाई पटेल।

भावनगर अधिवेशन की 3 तस्वीरें…

भावनगर अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी पहुंचे थे।

भावनगर अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी पहुंचे थे।

भावनगर अधिवेशन नीलम संजीव रेड्डी की अध्यक्षता में हुआ था।

भावनगर अधिवेशन नीलम संजीव रेड्डी की अध्यक्षता में हुआ था।

भावनगर अधिवेशन के दौरान तीन एंट्री गेट तैयार किए गए थे

भावनगर अधिवेशन के दौरान तीन एंट्री गेट तैयार किए गए थे

———————————–

कांग्रेस के अधिवेशन से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

सैम पित्रोदा बोले- कांग्रेस में चर्चाएं होती हैं, एग्जीक्यूशन नहीं; जिम्मेदारों से पूछें- रायपुर-जयपुर सम्मेलन में जो फैसले लिए, वे लागू क्यों नहीं हुए

ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा, ‘मुझे गर्व है कि पार्टी गुजरात में अधिवेशन कर रही है। मेरा मानना है कि कांग्रेस के अधिवेशन में आइडियोलॉजी पर अच्छी चर्चा होती है, लेकिन एग्जीक्यूशन नहीं हो पाता। कांग्रेस नेता अपने अंदर गांधीजी के विचार ला पाए तो यह बड़ी उपलब्धि होगी।’ पूरा इंटरव्यू पढ़ें…

खबरें और भी हैं…



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular