कायपान पान प्रोडक्ट्स लिमिटेड फैक्ट्री।
भोपाल के कायपान पान प्रोडक्ट्स में अब तक 500 करोड़ से अधिक की अनलिस्टेड और डाउटफुल परचेजिंग का पता चला है। आयकर विभाग की टीम को इस फैक्ट्री के मालिकों के तीन गोपनीय गोदामों का पता भी चल गया है। इन गोदामों की जांच में टैक्स चोरी की वास्तविक स्थिति सामन
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राजधानी के गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में डी सेक्टर में कायपान पान प्रोडक्ट्स लिमिटेड की फैक्ट्री है जहां कमला पसंद और राजश्री गुटखा बनाने का काम किया जाता है। इस फैक्ट्री के संचालन करने वालों द्वारा टैक्स चोरी किए जाने की कम्प्लेन के बाद जब आयकर विभाग की टीम पहुंची तो यहां काम करने वाले कर्मचारी भाग निकले थे। इसके बाद आयकर विभाग के अफसरों ने दफ्तर की जांच पड़ताल शुरू की तो पता चला कि यहां कोई रिकार्ड ही मेंटेन नहीं है।
गुटखा बनाने में उपयोग में लाई जा रही कौन सी सामग्री कब कितनी आई और कितनी आगे बढ़ाई गई, इसका भी कोई लेजर मेंटेन नहीं पाया गया। ऐसे में आयकर अफसरों की टीम ने सुपारी, इलायची, लौंग समेत गुटखों के पाउच की खुद गिनती की और उसे तौलने के बाद आयकर चोरी का कैलकुलेशन करना शुरू किया।
होली के कारण एक दिन रुकी कार्रवाई
इस बीच 14 मार्च को होली का त्योहार होने के कारण एक दिन के लिए कार्रवाई रोकी गई थी और अब इसके बाद फिर जांच जारी है। आयकर अफसरों की टीम फैक्ट्री के कर्मचारियों से पूछताछ कर एक-एक दस्तावेज की तलाश करके रिकार्ड तैयार कर रही है ताकि वास्तविक टैक्स चोरी की स्थिति का पता लगाया जा सके। इस फैक्ट्री से कहां-कहां गुटखा सप्लाई होता है, इसकी जानकारी लेकर संबंधित स्थानों से सप्लाई की रिपोर्ट ली जा रही है ताकि आवक जावक की स्थिति का मिलान कर टैक्स चोरी और पेनाल्टी तय की जा सके।
500 करोड़ की परचेजिंग का हिसाब नहीं
अब तक विभाग को फैक्ट्री मालिक वैभव पांडे और शेख की करीब 500 करोड़ रुपए की परचेजिंग का हिसाब मिल गया है जिसका कोई रिकार्ड नहीं रखा गया था। इसके साथ ही यह जानकारी भी मिली है कि इसे तीन और गोडाउन हैं जहां एक्स्ट्रा स्टाक रखा जाता है। अब कल से आयकर अफसरों की टीम इन गोडाउन में जांच करने जाएगी और स्टाक वैल्यूएशन कर टैक्स चोरी का आकलन करेगी। जांच अपूर्ण होने के चलते आयकर विभाग इसी कारण अभी तक टैक्स चोरी की वास्तविक रिपोर्ट तय नहीं कर पाया है।
ट्रांसपोर्टर गुड्डन बाहर से कर गया खेल
इस मामले में एक जानकारी यह भी सामने आई है कि गुड्डन नाम का एक ट्रांसपोर्टर इनका माल पहुंचाने का काम करता है और आयकर जांच के बीच उसने बाहर-बाहर ही करोड़ों का माल पहुंचाया है। आयकर विभाग की टीम अब इस ट्रांसपोर्टर के यहां भी शिकंजा कसेगी। इससे पूछताछ में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।