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कालिदास का कुमारसंभवम् ग्रंथ आखिर क्यों रह गया अधूरा, कुमार विश्वास ने क्यों किया इस ग्रंथ का जिक्र


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India’s Got Lalent को लेकर कुमार विश्वास ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने एक महाकाव्य का उदाहरण भी दिया है. यह महाकाव्य भगवान शिव-माता पार्वती और कार्तिकेय को समर्पित है लेकिन यह महाका…और पढ़ें

कालिदास का कुमारसंभवम् ग्रंथ आखिर क्यों रह गया अधूरा

हाइलाइट्स

  • कुमार विश्वास ने India’s Got Talent को अश्लील बताया.
  • कालिदास का कुमारसंभवम् महाकाव्य अधूरा रह गया.
  • माता पार्वती के आदेश पर कालिदास ने लेखन बंद किया.

India’s Got Lalent को लेकर विवाद अभी शांत नहीं हुआ है और अब कुमार विश्वास ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. कुमार विश्वास ने इस शो को हद से ज्यादा गंदा और अश्लीलता परोसने वाला बताया. इसके साथ ही उन्होंने महाकवि कालिदास के कुमारसंभवम् महाकाव्य का उदाहरण भी दिया. कुमारसंभवम् कालिदास का पहला अपूर्ण काव्य था, जो कभी पूरा नहीं हुआ. कुमारसंभवम् का अर्थ है कुमार का जन्म. यह महाकाव्य कालिदास को उस समय के राजा के पुत्र को देना था, इस काव्य में कुमार कार्तिकेय के जन्म से संबंधित जानकारी देनी थी लेकिन यह काव्य पूरा ही नहीं हो पाया. क्या आपको कालिदास के अपूर्ण काव्य के बारे में पता है कि आखिर यह पूरा क्यों नहीं हुआ और कुमार विश्वास ने आखिर इस ग्रंथ का उदाहरण क्यों दिया. आइए जानते हैं इस ग्रंथ के पूरे ना होने के पीछे की रोचक कथा के बारे में…

खुद शिव के बहुत बड़े भक्त थे कालिदास
कुमारसंभवम् ग्रंथ अगर पूरा होता तो यह एक श्रेष्‍ठ महाकाव्य सिद्ध होता. यह ग्रंथ भगवान शिव-माता पार्वती, ब्रह्मचारी आदि सभी पात्र मौलिक व्यक्‍तित्व व जीवन्तता से सम्पन्न हैं. कवि ने दिव्य दम्पत्ति को साधारण मानव प्रेमी-प्रेमिका के रूप में प्रस्तुत कर मानवीय प्रणय व गृहस्थ जीवन को गरिमा-मंडित किया है. कुमारसंभवम् का अर्थ है कुमार का जन्म, यहां कुमार का आशय शिव-पार्वती के पुत्र कार्तिकेय या स्कन्द से है. कवि का उद्दे्श्य शिव-पार्वती की तपस्या, प्रेम, विवाह और उनके पुत्र कुमार कार्तिकेय के जन्म की पौराणिक कथा को एक महाकाव्य का रूप देना था. कवि कालिदास खुद भी एक बहुत बड़े शिव भक्त थे, उन्होंने सभी काव्यों में प्रारंभ में ही शिव की स्तुति की है. इसके बाद भी उन्होंने भगवान शिव और माता पार्वती के श्रृंगार का वर्णन करने वाले थे.

कुमार विश्वास ने बताई कथा
कुमारसंभवम् ग्रंथ को लिखते लिखते कालिदास को कुष्ठ रोग हो गया था, इसके बाद वह एक शब्द भी ना लिख सके. कुमार विश्वास के अनुसार, जब कालिदास इस ग्रंथ को लिख रहे थे, तब उस ग्रंथ में उन्होने माता पार्वती द्वारा किए गए अपर्णा व्रत के बारे में बताया कि माता ने कैसे शिवजी को प्राप्त करने के लिए व्रत किया. किस तरह शंकरजी मिले और दोनों का विवाह हुआ. यहां तक सब ठीक चल रहा था. कालिदासजी ने जैसे ही भगवान शंकर और माता पार्वती शयन कक्ष का वर्णन प्रारंभ किया था.

माता पार्वती ने दिया आदेश
इसके बाद माता पार्वती ने माता सरस्वती को बुलाकर पूछा कि ये कौन मूर्ख है, जो माता-पिता के नग्न शृंगार-चित्रण के समान बातों को ग्रंथ में लिख रहा है. तब माता सरस्वती ने कहा कि यह विश्व का सबसे बड़ा कवि है. माता पार्वती ने कहा कि होगा यह विश्वव का सबसे बड़ा कवि लेकिन मैं तुमसे कहती हूं कि आज के बाद इस ग्रंथ को लेकर एक शब्द भी ना लिख पाए. इसके बाद कालिदास अपने कुमारसंभवम् को लेकर पक्षाघात से ही मर गए लेकिन उस ग्रंथ में एक लाइन भी नहीं लिख पाए. शब्द ब्रम्ह है ईश्वर है, अगर इसका अपमान करोगे तो चाहे कितने भी बड़े कालिदास हो सरस्वती रूठ जाएंगी.





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