Thursday, December 26, 2024
Thursday, December 26, 2024
Homeराज्य-शहरकिसानों के मरणव्रत का तीसरा दिन: डल्लेवाल DMC और सुखजीत सिंह...

किसानों के मरणव्रत का तीसरा दिन: डल्लेवाल DMC और सुखजीत सिंह खनौरी में, सरकार आज कर सकती है मीटिंग – Punjab News



फसलों की एमएसपी समेत 13 मुद्दों को लेकर फरवरी महीने से किसानों का पंजाब-हरियाणा के बार्डर पर संघर्ष पर चल रहे हैं। जबकि आज (28 नवंबर) को 70 वर्षीय बुजुर्ग और कैंसर से पीड़ित किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल का DMC लुधियाना और सुखजीत सिंह हरदो झंडे का खनौरी ब

.

दूसरी तरफ पंजाब सरकार किसानों को शांत करने में जुटी है। भले ही बुधवार को हुई मीटिंग में कोई नतीजा नहीं निकला है। लेकिन माना जा रहा है कि सरकार आज मीटिंग कर किसानों को शांत करेगी। जबकि किसानों ने साफ किया है कि जब तक सरकार किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को मोर्चे में लेकर नहीं आती है। तब तक वह किसी मुद्दे पर बात नहीं करेंगे।

पहले डल्लेवाल को मोर्चे पर लाएं, फिर बात करेंगे

इससे पहले 27 नवंबर खन्नौरी बॉर्डर संयुक्त किसान मोर्चे गैर राजनीतिक बैनर तले किसानों की आपात मीटिंग हुई। मीटिंग में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल को पुलिस हिरासत से छुड़वाने ओर संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए स्ट्रेटजी बनाई गई। इसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के किसान नेता शामिल थे। दूसरी तरफ किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने वीडियो जारी कर कहा कि वह केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। लेकिन राज्य सरकार सीएम अपनी स्थिति साफ करे। हमें नजर आ रहा है कि दाल में कुछ काला है। किसान नेता सुखजीत सिंह हरदो झंडे ने मरणव्रत शुरू किया है। सरकार डल्लेवाल को बांधकर, उनके नाक में नली लगाकर खुराक दे रही होगी। इसी बीच दोपहर में पंजाब पुलिस के डीआईजी मनजीत सिंह सिद्धू, एसएपसी पटियाला नानक सिंह खनौरी बार्डर पर पहुंचे। लेकिन मीटिंग बेनतीजा रही। किसानों का कहना है कि पहले डल्लेवाल को मोर्चे पर लाएं, फिर बात करेंगे। साथ ही साफ करे कि उन्हें अस्पताल में क्यों ले जाया गया है।

सरकार को दिया है 10 दिन का अल्टीमेटम

26 नवंबर की सुबह किसान नेता डल्लेवाल को उठाया गया तो किसान भड़क गए। किसान नेता सरवन पंधेर ने मीटिंग कर अगली रणनीति बनाई। किसान नेताओं ने कहा है कि इस आंदोलन का यह दूसरा चरण है। उन्होंने केंद्र सरकार को 10 दिन का समय बातचीत के लिए दिया है। अगर इसमें कोई सहमति नहीं बनी तो किसान 6 दिसंबर को दिल्ली की तरफ कूच करेंगे।

किसानों का कहना है कि हमारे सुरक्षा पहरे में कोई कमी रह गई थी, जो पुलिस हमारे किसान नेता को उठाकर ले गई। इस बारे उनका सुरक्षा पहरा मजबूत रहेगा। पुलिस मरणव्रत पर बैठे साथी तक नहीं पहुंच पाएगी।

डल्लेवाल ने परिवार के नाम की जमीन

डल्लेवाल ने 4 नवंबर को ऐलान किया था कि पार्लियामेंट सेशन शुरू होते ही वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इसके बाद 6 दिसंबर को किसान दिल्ली कूच करेंगे। 25 नवंबर को फरीदकोट में जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि वह सिर पर कफन बांधकर आमरण अनशन पर बैठने जा रहे हैं। केंद्र सरकार को उनकी मांगें पूरी करनी होगी या फिर वह अपनी जान कुर्बान कर देंगे। उनकी मौत से भी आंदोलन नहीं रुकेगा। मौत के बाद दूसरे नेता आमरण अनशन शुरू करेंगे। इसलिए अपनी जमीन को पुत्र, पुत्रवधू और पौत्र के नाम करवा दिया है, ताकि कोई विवाद न रहे।

बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली दिल्ली जाएंगे किसान

इधर, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने 18 नवंबर को ऐलान किया था कि किसान 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने कहा था कि 9 महीने से किसान चुप बैठे हैं, लेकिन सरकारों की ओर से हमारी उपेक्षा की जा रही है। इस कारण दिल्ली जाने का फैसला लिया है।

इस बार किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के बजाय पैदल मार्च करेंगे। इसमें पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसान शामिल होंगे​। सरकार के पास 10 दिन का समय है।

13 फरवरी को दिल्ली कूच करने निकले थे

फसलों पर MSP की गारंटी समेत दूसरी मांगों को लेकर पंजाब के किसान 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच करने के लिए निकले थे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर, खनौरी बॉर्डर और डबवाली बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई।

शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इससे अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular