बिजली कटौती और कर्ज से परेशान किसान ने की थी आत्महत्या
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में किसान आत्महत्या के मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने 5 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। समिति मेंबर्स परिजनों और ग्रामीणों से मिलकर बयान रिकॉर्ड करेंगे।
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इस घटना को लेकर किसान संगठन ने भी आवाज उठाई है। किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने मृतक किसान के परिवार से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जाना और प्रशासन से 50 लाख रुपए मुआवजे की मांग की है।
प्रतिनिधिमंडल ने किसान की आत्महत्या को “संस्थागत हत्या” करार देते हुए बिजली विभाग पर लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं। प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार से किसानों की बिजली और कर्ज से जुड़ी समस्याओं का स्थायी समाधान निकालने की अपील की है।
किसान ने पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दीघटना महासमुंद जिले के पटेवा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत सिंघनपुर की है। यहां 57 वर्षीय किसान पुरन निषाद ने 11-12 मार्च की रात को अपने खेत में पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी। किसान 6 से 8 घंटे की अघोषित बिजली कटौती से परेशान था। इससे उनकी फसल बर्बाद हो गई थी। कर्ज की चिंता भी उन्हें सता रही थी।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेंगे जांच रिपोर्ट
जांच समिति का नेतृत्व खल्लारी विधायक द्वारिकाधीश यादव करेंगे। समिति में पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर, कांग्रेस के पूर्व महामंत्री अमरजीत चावला, महासमुंद जिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रश्मि चंद्राकर और बागबाहरा ब्लॉक के पूर्व अध्यक्ष अंकित बागबाहरा शामिल हैं।
समिति के सदस्य जल्द ही सिंघनपुर गांव का दौरा करेंगे। वे मृतक किसान के परिजनों और ग्रामीणों से मिलेंगे। फसल की नुकसान का जायजा भी लेंगे। इसके बाद समिति अपनी जांच रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगी।
