भगवान महावीर की जन्मभूमि नालन्दा के कुण्डलपुर में आगामी 10 और 11 अप्रैल को कुंडलपुर महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। यह महोत्सव न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक विरासत और अहिंसा के संदेश को फैलाने का एक सशक्त माध्यम भी ह
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कुंडलपुर प्रबंधक अभय कुमार जैन ने बताया कि इस वर्ष के महोत्सव में राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों से पर्यटक और श्रद्धालु शामिल होंगे। उन्होंने कहा की महोत्सव की शुरुआत प्रातःकालीन झंडारोहण और भव्य रथयात्रा से होगी, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे।
महोत्सव की तैयारी को दिया जा रहा फाइनल टच।
विभिन्न प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
महोत्सव के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्कूली बच्चे और पर्यटक भाग ले सकेंगे। इनमें मेहंदी, रंगोली, पेंटिंग और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं प्रमुख हैं। साथ ही, भगवान महावीर के सिद्धांतों पर आधारित भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में, जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग और जैन समाज के सहयोग से कई प्रतिभाशाली कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। विशेष आकर्षण के रूप में इंडियन आइडल की प्रसिद्ध गायिका रितिका राज़ 10 अप्रैल को अपनी प्रस्तुति देंगी। इसके अलावा, नृत्य, संगीत और अन्य कला क्षेत्रों के कलाकार भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
कुंडलपुर महोत्सव का ऐतिहासिक महत्व बताते हुए श्री जैन ने कहा की भगवान महावीर स्वामी का जन्म 2623 वर्ष पूर्व इसी बिहार की पावन धरती पर हुआ था। उनके ‘जियो और जीने दो’ तथा ‘अहिंसा परमो धर्मा’ के सिद्धांत आज के समय में पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं।”

देशभर के कई राज्यों से पहुंचेंगे जैन धर्म के लोग।
जियो और जीने दो’ के सिद्धांत पर चलकर विश्व विजेता बन सकती दुनिया
वर्तमान वैश्विक परिदृश्य का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा की “आज जब यूक्रेन और इराक जैसे देशों में युद्ध चल रहा है और नरसंहार हो रहे हैं, ऐसे में भगवान महावीर के अहिंसा के सिद्धांतों की अत्यंत आवश्यकता है। ‘जियो और जीने दो’ के सिद्धांत पर चलकर ही भारत और पूरी दुनिया विश्व विजेता बन सकती है।”
कुंडलपुर महोत्सव न केवल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि शांति और अहिंसा के मूल्यों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है। यह महोत्सव भगवान महावीर के संदेशों को आधुनिक संदर्भ में प्रासंगिक बनाने का प्रयास है।
स्थानीय प्रशासन ने पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। आयोजकों का मानना है कि इस वर्ष का महोत्सव पिछले वर्षों की तुलना में अधिक भव्य और आकर्षक होगा।