Astrology Reasons For Lying: ज्योतिष शास्त्र केवल भविष्य बताने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति के स्वभाव, सोच, आदतों और व्यवहार के रहस्यों को भी उजागर करता है. हर इंसान की कुंडली में नौ ग्रहों की स्थिति यह दर्शाती है कि वह व्यक्ति जीवन में किस दिशा में जाएगा, कैसा व्यवहार करेगा और समाज में उसकी छवि कैसी होगी. कुछ ग्रह ऐसे माने जाते हैं जो अगर खराब स्थिति में हों या नकारात्मक प्रभाव डालें, तो व्यक्ति को असत्य बोलने वाला, चालाक, झूठा और वचन से पलटने वाला बना देते हैं. ऐसे लोग अक्सर बातों में तो बड़े मीठे होते हैं, लेकिन अपनी कही बातों पर टिक नहीं पाते. आइए भोपाल स्थित ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री रवि पाराशर से विस्तार से समझते हैं कि कौन से ग्रह और कौन सी स्थितियां व्यक्ति के स्वभाव को झूठ, छल और धोखे की ओर मोड़ सकती हैं.
1. राहु
राहु को ज्योतिष में एक छाया ग्रह माना गया है और यह माया, भ्रम, धोखा और चालाकी का प्रतीक है. अगर राहु लग्न में या तीसरे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित हो जाए और शुभ ग्रहों से दृष्ट ना हो, तो व्यक्ति भ्रमित प्रवृत्ति का हो जाता है. वह अपनी बातों को बार-बार बदलता है, सामने वाले को भ्रम में रखता है और मौका देखकर धोखा देने से भी पीछे नहीं हटता. ऐसा व्यक्ति हर बात में चालाकी से काम लेता है और सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश करता है.
2. मंगल और राहु की युति (अंगारक योग)
अगर कुंडली में मंगल और राहु एक साथ आ जाएं, तो अंगारक योग बनता है. यह योग व्यक्ति को झगड़ालू, आक्रामक और झूठ बोलने वाला बना सकता है. ऐसा इंसान गुस्से में कुछ भी बोल देता है, और बाद में अपने शब्दों से पलट जाता है. यह संयोजन व्यक्ति के मन में असंतुलन और हठ की भावना पैदा करता है, जिससे वह कभी किसी बात पर स्थिर नहीं रहता.
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3. शुक्र और राहु की युति
शुक्र प्रेम, आकर्षण और सौंदर्य का ग्रह है, लेकिन अगर राहु इसके साथ मिल जाए, तो व्यक्ति झूठे वादे, दिखावे और छल में माहिर हो जाता है. यह योग अक्सर ऐसी प्रवृत्ति देता है कि व्यक्ति सामने से बहुत मधुर और आकर्षक लगता है, लेकिन भीतर से उसकी बातें भरोसे लायक नहीं होतीं. यह स्थिति विशेष रूप से वैवाहिक या प्रेम संबंधों में धोखा देने का संकेत देती है.
4. बुध की दुर्बलता
बुध वाणी, बुद्धि और तर्क का ग्रह है. अगर बुध नीच का हो, शत्रु राशि में बैठा हो या राहु-केतु से पीड़ित हो, तो व्यक्ति झूठ बोलने में कुशल हो जाता है. ऐसे लोग चालाक होते हैं, लेकिन उनकी बातें झूठ और भ्रम से भरी होती हैं. बुध खराब हो तो व्यक्ति अपनी बातों पर टिक नहीं पाता, और बात को घुमा-फिराकर कहता है ताकि सच्चाई छुपी रहे.
5. शनि की दृष्टि या पीड़ा
शनि न्याय और कर्म का ग्रह है. लेकिन अगर यह किसी भी शुभ ग्रह को अपनी तीसरी या दशम दृष्टि से पीड़ित करे, तो उस ग्रह के स्वभाव में नकारात्मकता आने लगती है. खासकर यदि शनि बुध, चंद्र या शुक्र पर दृष्टि डाले और खुद नीच का या पाप ग्रहों से घिरा हो, तो व्यक्ति का व्यवहार दोहरा और झूठ से भरा हो सकता है.
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6. केतु
केतु भी राहु की तरह एक छाया ग्रह है, और यह व्यक्ति को भ्रम, आत्म-संदेह और अविश्वसनीयता की ओर ले जाता है. अगर केतु चंद्र, बुध या लग्न पर असर डाले तो व्यक्ति मन से स्थिर नहीं रह पाता और बार-बार अपनी बात बदलता है. ऐसा व्यक्ति खुद भी नहीं समझ पाता कि वह क्या चाहता है और क्या कर रहा है.
उपाय
अगर किसी की कुंडली में ऐसे ग्रह दोष हों, तो उन्हें राहु-केतु की शांति करानी चाहिए, बुध और चंद्र को मज़बूत करना चाहिए और प्रतिदिन सत्य बोलने का अभ्यास करते हुए ॐ नमः शिवाय या ॐ बुधाय नमः का जाप करना चाहिए.