कार्यक्रम की तैयारी को अधिकारियों से मीटिंग करते ओएसडी।
गुरु गोबिंद सिंह महाराज के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को याद करने के लिए कुरुक्षेत्र में राज्यस्तरीय वीर बाल दिवस कार्यक्रम का आयोजन 26 दिसंबर को सुबह 10 बजे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री के ओएसडी डॉ. प्रभलीन सिंह राज्यस्तरीय वीर बाल दिवस कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बुधवार को कुरुक्षेत्र पहुंचे। इससे पहले ओएसडी डॉ. प्रभलीन ने कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर एडीसी सोनू भट्ट, हरियाणा शहीदी स्मारक अंबाला के निदेशक डॉ. कुलदीप सैनी, डीवाईसीए के निदेशक डॉ. विवेक चावला सहित अन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग की और तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा छोटे साहिबजादों के जीवन को समर्पित एक स्मारक का भी विमोचन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा किया जाएगा।
विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित होगा कार्यक्रम
ओएसडी ने कहा कि सिखों के 10वें गुरु श्री गोबिंद सिंह के साहिबजादों की कुर्बानी की याद में वीर बाल दिवस मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेशानुसार 26 दिसंबर को छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के साहस को श्रद्धांजलि देने के लिए पूरे देश में वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री के इस निर्णय के साथ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आदेशानुसार राज्य स्तरीय वीर बाल दिवस 26 दिसंबर को सुबह 10 बजे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किया जाएगा।
कार्यक्रम की तैयारी का जायजा लेते ओएसडी और अन्य अधिकारी।
समाज के सभी लोगों को जोड़े- ओएसडी
ओएसडी डॉ. प्रभलीन ने राज्य स्तरीय वीर बाल दिवस की तैयारियों को लेकर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय व जिला प्रशासन के अधिकारियों सहित अन्य अधिकारियों और गणमान्य लोगों से बातचीत करते हुए कहा कि परंपरा अनुसार छोटे साहिबजादों की शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए वीर बाल दिवस का आयोजन किया जाना है। इस कार्यक्रम में सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग की तरफ से एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा।
इस कार्यक्रम के साथ समाज के सभी लोगों को जोड़े, ताकि युवा पीढ़ी का वीर बाल दिवस कार्यक्रम से प्रेरणा मिल सके। इस मौके पर विश्वविद्यालय जनसंपर्क विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया, डीआईपीआरओ डॉ. नरेन्द्र सिंह, डीवाईसीए की उप निदेशिका डॉ. सलोनी, पंजाबी विभाग के प्रोफेसर डॉ. कुलदीप सिंह आदि उपस्थित थे।