अनूप कुमार यादव | कुशीनगरकुछ ही क्षण पहले
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कुशीनगर जिले के सेवरही थाना क्षेत्र अंतर्गत पिपरा घाट गांव में सड़क न होने की कीमत एक महिला को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। 4 जून की सुबह 45 वर्षीय प्रभावती देवी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। बेटी से कहासुनी के बाद उन्हें चक्कर आया और वह गिर गईं। सीने में दर्द की शिकायत होने पर परिजन उन्हें अस्पताल ले जाना चाहते थे, लेकिन गांव तक पक्की सड़क न होने के कारण कोई वाहन नहीं पहुंच सका।
चारपाई पर 2 किमी, फिर बोलेरो में अस्पताल
परिजनों ने प्रभावती को चारपाई पर लिटाकर दो किलोमीटर दूर मंदिर तक किसी तरह ले जाया। वहां से बोलेरो गाड़ी बुलाई गई और महिला को अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों के अनुसार, अगर मरीज को मात्र पांच मिनट पहले पहुंचा दिया जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी।

मरीज को चारपाई से ले जाते अस्पताल।
बरसात में नाव से लाते हैं मरीज
स्थानीय निवासी हंसराज यादव ने बताया कि गांव तक जाने वाला रास्ता सरकारी दस्तावेजों में दर्ज नहीं है। ग्रामीण वर्षों से रामनयन, राजवंशी समेत कुछ पट्टीदारों की जमीन से होकर गुजरते हैं। यही वजह है कि बरसात के समय बीमारों को नाव से लाना पड़ता है। ग्रामीण कई बार एसडीएम से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक सिर्फ नापजोख तक ही सीमित कार्रवाई हुई है।
ज़मीन विवाद बना सड़क में रोड़ा
दैनिक भास्कर की पड़ताल में सामने आया है कि गांव तक के रास्ते को लेकर विवाद वर्षों पुराना है। जिस कच्चे रास्ते का उपयोग पूरा गांव करता है, वह सरकारी रिकॉर्ड में कुछ पट्टीदारों के नाम दर्ज है। यही वजह है कि कोई भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा। प्रशासन नापजोख कर रहा है, लेकिन ग्रामीणों को नतीजे का इंतजार है।
वायरल वीडियो से उठा मुद्दा
एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि महिला को चारपाई पर ले जाते समय वीडियो बनाया गया, ताकि सड़क समस्या उजागर हो सके। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि प्रभावती देवी की तबीयत खराब होने की वजह घरेलू विवाद थी। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन समय रहते सड़क बनवा देता, तो शायद आज प्रभावती देवी जिंदा होतीं।