केदारनाथ पैदल मार्ग पर बर्फ को काटकर रास्ता तैयार करते मजदूर
2 मई से बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा शुरू हो जाएगी। यात्रा के लिए सभी तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
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वहीं धाम में अभी भी चारों तरफ भारी बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है। गौरीकुंड से केदारनाथ के पैदल मार्ग में बड़े-बड़े ग्लेशियर बने हुए हैं। जहां से केदारनाथ जाने वाले पैदल यात्रियों को गुजरना होगा।
बर्फ काटकर 8 से 10 फीट गहरा रास्ता बनाया जा रहा
इन हिमखंडो को काटकर लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी रास्ता तैयार कर रहे हैं। जिसे पूरा करने में महीने भर का समय लगेगा।
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा से लिनचोली के बीच पसरे विशालकाय हिमखंड काटे जा रहे है। इन ग्लेशियर को काटकर मजदूर 8 से 10 फीट बर्फ के बीच रास्ता तैयार कर रहे हैं। जहां से केदारनाथ जाने वाले यात्री गुजरेंगे।

पूरे केदारनाथ धाम परिसर में 3-4 फिट बर्फ है
फरवरी -मार्च में हुई थी जमकर बर्फबारी
दरअसल, इस साल फरवरी और मार्च के पहले सप्ताह में केदारनाथ सहित पैदल मार्ग तक भारी बर्फबारी हुई थी। इसके बाद से केदारनाथ धाम में अभी भी तीन-चार फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है।
वहीं, गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा से केदारनाथ तक बर्फ के कारण पैदल आवाजाही संभव नहीं है। यहां बीते 14 मार्च से लोक निर्माण विभाग के 70 से अधिक मजदूर बर्फ को काटकर रास्ता बनाने में जुटे हैं।

70 मजदूर बर्फ काटकर रास्ता बनाने में जुटे है
3 किमी तक बर्फ हटाकर बनाया गया रास्ता
13 दिनों में लगभग तीन किमी हिस्से में बर्फ साफ कर आवाजाही के लिए रास्ता तैयार हो चुका है। इन दिनों मजदूर थारू हिमखंड को काटने में जुटे हैं।
यहां पर लगभग 20 फीट ऊंचे हिमखंड को काटकर ढाई फीट चौड़ा रास्ता बनाया जा रहा है। बर्फ काटने से यहां गहरी व संकरी घाटी बन गई है।
इन हालातों में यहां बर्फ खिसकने का खतरा बना है। लोनिवि के अधिशासी अभियंता विनय झिक्वांण ने बताया कि मौसम अनुकूल नहीं होने के बाद भी बर्फ सफाई का कार्य जोरों पर चल रहा है।