स्वास्थ्य विभाग की टीम को आरोपी के घर से बरामद अवैध दवाईयां।
हरियाणा के कैथल में एमटीपी किट के बड़े रैकेट का खुलासा होने के बाद करनाल से भी इस मामले में कनेक्शन सामने आए हैं। कैथल में गिरफ्तार किए गए आरोपी ने पूछताछ में बताया था कि उसे एमटीपी किट करनाल से मिलती थी। इस इनपुट के बाद करनाल और कैथल स्वास्थ्य विभाग
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टीम को मौके पर एमटीपी किट तो नहीं मिली, लेकिन बड़ी मात्रा में अलग-अलग दवाएं बरामद हुईं, जिनकी कीमत 27 लाख 55 हजार रुपए है। सभी दवाएं बिना किसी लाइसेंस और रिकॉर्ड के स्टॉक की गई थीं, जिन्हें मौके पर ही सीज कर लिया गया। आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आरोपी के घर पर जांच करती स्वास्थ्य विभाग की टीम।
सिलसिलेवार ढंग से समझिए पूरा मामला…
कैथल में 5805 एमटीपी किट मिलने से खुला था मामला
बीती 29 अप्रैल को कैथल के चंदाना गेट इलाके में किराए के मकान में बड़ी मात्रा में एमटीपी किट रखे होने की सूचना पर एंटी नारकोटिक सेल और ड्रग कंट्रोल टीम ने छापा मारा था। मौके से 5805 एमटीपी किट और 607 अनवांटेड-72 गोलियां बरामद की गईं थीं। इन दवाओं की बाजार में कीमत एक करोड़ रुपए से ज्यादा बताई गई थी। आरोपी विकास, जो कि सिर्फ 10वीं पास है, पिछले दो सालों से यह काम कर रहा था। उसके पास न तो मेडिकल से जुड़ी कोई डिग्री थी और न ही दवाएं रखने या बेचने का लाइसेंस।
पूछताछ में आरोपी ने करनाल से सप्लाई की बात स्वीकारी
पुलिस रिमांड पर लिए गए विकास ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसे एमटीपी किट करनाल से सप्लाई होती थी। यह जानकारी मिलते ही कैथल और करनाल की स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट हो गई और एक संयुक्त छापेमारी की योजना बनाई गई। इसके बाद करनाल के शिव कॉलोनी इलाके में एक घर पर देर रात रेड की गई।

आरोपी के घर पर जांच करती टीम।
रेड के दौरान बंद मिला एक कमरा, यशविंद्र नाम का युवक निकला कड़ी
जब स्वास्थ्य विभाग की टीम शिव कॉलोनी में पहुंची, तो घर में एक कमरा बंद मिला और दूसरे कमरे में एक परिवार रह रहा था। पूछने पर उन्होंने बताया कि बंद कमरे में यशविंद्र नाम का व्यक्ति रहता है। उसे मौके पर बुलाया गया और पुलिस की मौजूदगी में कमरा खुलवाया गया।
कमरे में मिलीं दवाओं से भरी पेटियां, कोई लाइसेंस नहीं मिला
कमरे में बहुत सारी पेटियां रखी थीं, जिनमें लिवोनोगेस्टिल, अनवांटेड-72 और कलकेरिया जैसी दवाएं मिलीं। ये दवाएं बिना किसी अनुमति के अवैध तरीके से स्टॉक की गई थीं। मौके पर न तो किसी प्रकार का सेल रिकॉर्ड मिला, न ही परचेज डिटेल और न ही दवा बेचने या स्टोर करने का कोई लाइसेंस। पूछताछ में यशविंद्र ने बस इतना बताया कि उसका भाई दवाओं का काम करता है, लेकिन उसने भाई की कोई जानकारी नहीं दी।

आरोपी के घर पर रखी दवाईयों की पेटियां।
27.55 लाख रुपए की दवाएं की गईं सीज, केस दर्ज कर जांच शुरू
ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर विकास राठी ने बताया कि मौके से जो दवाएं जब्त की गईं, उनकी कीमत करीब 27 लाख 55 हजार रुपए है। यह सारा स्टॉक अवैध तरीके से रखा गया था। सभी दवाओं को सीज कर लिया गया है और आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने की अपील, अवैध किट बेचने वालों की दे सूचना
स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से अपील की है कि एमटीपी किट या गर्भपात से जुड़ी दवाएं किसी भी अनधिकृत व्यक्ति से न खरीदें। यदि कोई इनकी बिक्री करता है, तो तुरंत इसकी सूचना नारकोटिक्स डिपार्टमेंट या स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को दें। अवैध दवाएं न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी घातक साबित हो सकती हैं।

टीम को आरोपी के घर से बरामद दवाईयां।