कैलाश नाथ काटजू महिला चिकित्सालय में बुधवार को मेंस्ट्रुअल हाइजीन दिवस के अवसर पर महिलाओं और किशोरियों को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के महत्व पर जागरूक किया गया। कार्यक्रम की अगुआई चिकित्सालय की नोडल अधिकारी डॉ. रचना दुबे ने की। इस मौके प
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कार्यक्रम के दौरान अस्पताल की नर्सिंग टीम और चिकित्सकों ने मरीजों से संवाद कर मासिक धर्म से जुड़ी जरूरी जानकारी साझा की। डॉ. दुबे ने बताया कि मासिक धर्म एक सामान्य जैविक प्रक्रिया है, लेकिन इसके साथ जुड़ी स्वच्छता को लेकर आज भी समाज में कई भ्रांतियां हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है।
समय-समय पर सेनेटरी पैड बदलना जरूरी विशेषज्ञों ने बताया कि यदि इस दौरान स्वच्छता का सही से पालन नहीं किया गया, तो इससे महिलाओं को संक्रमण, चर्म रोग और अन्य हेल्थ रिलेटेड समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में साफ-सुथरे सेनेटरी पैड का उपयोग और समय-समय पर उसका बदलना अत्यंत आवश्यक है।
नर्सिंग स्टाफ ने यह भी बताया कि मासिक धर्म को लेकर खुलकर बात करना और महिलाओं व युवतियों को इसके सही उपायों की जानकारी देना समाज को जागरूक और सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। मासिक धर्म के समय उचित साफ-सफाई, संतुलित आहार और मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए।
खुलकर पूछने और जानने का अवसर कार्यक्रम में भाग लेने वाली महिलाओं ने कहा कि आमतौर पर इन मुद्दों पर बात करने से लोग कतराते हैं, लेकिन इस कार्यक्रम में उन्हें खुलकर पूछने और जानने का अवसर मिला। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यह किशोरियों और महिलाओं के लिए अपनी तरह का मॉडल अस्पताल बन रहा है। आगे भी ऐसे जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे। जिससे महिलाओं में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता और स्वच्छता के प्रति सजगता बनी रहे।