रविवार का दिन सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित है. इस दिन भगवान भास्कर की पूजा करते हैं. सूर्य देव ग्रहों के राजा हैं, जो सभी के जीवन को प्रभावित करते हैं. जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर होते हैं या सूर्य दोष होता है. उन लोगों को सूर्य के उपाय करने चाहिए. इसमें रविवार का व्रत भी शामिल है. रविवार व्रत कैसे करना चाहिए? रविवार व्रत के नियम, पूजा विधि, मंत्र क्या हैं? इस बारे में जानते हैं विस्तार से.
रविवार व्रत के नियम
रविवार व्रत सूर्य देव की पूजा के लिए किया जाता है. इसके कुछ विशेष नियम हैं-
1. सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर सूर्य देव की पूजा का संकल्प लें.
2. सूर्योदय के समय सूर्य को जल यानि अर्घ्य चढ़ाएं. जल में लाल चंदन, लाल फूल और तिल मिला सकते हैं. सूर्य मंत्र जैसे ओम सूर्याय नमः या आदित्य हृदय स्तोत्र का जाप करें.
3. पूरे दिन उपवास रखें. कुछ लोग एक समय सात्विक भोजन करें. बिना नमक का उपयोग न करें.
4. यदि भोजन करें तो गेहूं, गुड़, लाल फल या सब्जियां जैसे गाजर, टमाटर खाएं. तामसिक भोजन प्याज, लहसुन, मांस, शराब से बचें.
5. दिनभर सत्य बोलें, क्रोध से बचें और मन को शुद्ध रखें. ब्रह्मचर्य का पालन करें.
6. सूर्य से संबंधित वस्तुएं जैसे तांबा, गेहूं, लाल वस्त्र या गुड़ का दान करें.
7. सूर्यास्त के समय भी सूर्य को प्रणाम करें और दीप जलाएं.
8. अगले दिन सोमवार को सूर्योदय पर अर्घ्य चढ़ाकर व्रत खोलें.
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रविवार व्रत की पूजा विधि
1. सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें. स्वच्छ लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनें, क्योंकि ये सूर्य देव से संबंधित रंग हैं.
2. पूजा स्थल को साफ करें. एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं. सूर्य देव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. यदि मूर्ति नहीं हो तो तांबे के सूर्य यंत्र का उपयोग करें.
3. पूजा सामग्री में तांबे का लोटा, जल, लाल चंदन, लाल फूल गुड़हल या कमल, गुड़, गेहूं, अक्षत, धूप, दीप, कपूर और प्रसाद में गुड़ से बनी मिठाई या फल शामिल है.
4. सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके तांबे के लोटे में जल भरें. इसमें लाल चंदन, लाल फूल और तिल डालें. सूर्य की ओर देखते हुए जल को पतली धार से अर्घ्य चढ़ाएं. उस दौरान ओम सूर्याय नमः या ओम घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें.
5. उसके बाद आदित्य हृदय स्तोत्र या सूर्य अष्टक का पाठ करें. सूर्य देव को लाल चंदन का तिलक लगाएं और लाल फूल अर्पित करें. धूप और दीप जलाएं. गुड़ और गेहूं का भोग लगाएं.
6. सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करें. ओम भास्कराय विद्महे महाद्युतिकराय धीमहि तन्नो आदित्यः प्रचोदयात्. उसके बाद अपनी मनोकामना सूर्य देव से कहें.
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7. इसके बाद सूर्य देव की आरती करें. इसके लिए जय जय जय रवि सूर्य नारायण या अन्य सूर्य आरती गाएं.
8. फिर सूर्य देव को प्रणाम करें और अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें.
9. पूजा के बाद सूर्य से संबंधित वस्तुओं जैसे तांबा, गेहूं, लाल वस्त्र, गुड़ या लाल चंदन का दान करें. फिर पूजा का प्रसाद परिवार और गरीबों में बांटें.
रविवार व्रत के समय ध्यान रखें ये बातें
रविवार के व्रत में सत्य बोलें, क्रोध से दूर रहें और ब्रह्मचर्य का पालन करें. यदि स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो तो व्रत के कड़े नियमों का पालन करने की बाध्यता है.
रविवार व्रत के फायदे
रविवार का व्रत करने से सूर्य देव की कृपा मिलती है. स्वास्थ्य, यश और आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती है. रोग, दोष मिटते हैं. भाग्य, धन और धान्य बढ़ता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)