Vastu Tips Land or Plot: अगर आप अपने भवन निर्माण के लिए एक उपयुक्त ज़मीन की तलाश कर रहे हैं, तो कुछ खास बातों को ज़रूर समझना चाहिए. एक सही भूमि का चयन न केवल आपके घर को सुंदर और मजबूत बनाता है, बल्कि आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी लाता है. मकान में जो सकारात्मक ऊर्जा होती है, वह उसी भूमि से निकलती है जिस पर वह बना होता है. ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री अंशुल त्रिपाठी से जानते हैं कि भूमि चयन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
लंबे समय से खाली पड़ी भूमि न लें
ऐसी भूमि जो वर्षों से यूं ही पड़ी हो, जिस पर न खेती हुई हो और न ही कोई उपयोग. वह भूमि अक्सर निष्क्रिय ऊर्जा से भरी होती है. ऐसी भूमि भविष्य में भी आपके लिए फलदायक नहीं होती.
पथरीली या कड़ी भूमि से बचें
जिस ज़मीन की खुदाई में अत्यधिक कठिनाई हो, वह वास्तु के अनुसार शुभ नहीं मानी जाती. प्रकृति हमें पहले ही संकेत देती है- अगर निर्माण में बाधा आ रही है, तो जीवन में भी समस्याएं आ सकती हैं.
कांटेदार वृक्षों से घिरी भूमि न लें
अगर किसी ज़मीन पर बाबूल या अन्य कांटेदार पेड़ हैं, तो वह स्थान झगड़ों और मतभेदों का कारण बन सकता है. ऐसी जगहों पर परिवार में तनाव, वैचारिक मतभेद और विवाद की संभावना अधिक रहती है. यह फैक्ट्री, स्कूल या पारिवारिक निवास के लिए उचित नहीं मानी जाती.
ढलान और ऊंचाई का ध्यान रखें
भूमि का ढलान वास्तु में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. ऐसी भूमि न लें जो पूर्वोत्तर (ईशान कोण) से ऊंची हो और दक्षिण पश्चिम (नैऋत्य कोण) की ओर ढलान हो. सर्वोत्तम भूमि वह मानी जाती है जो दक्षिण-पश्चिम की ओर से ऊंची और उत्तर-पूर्व की ओर से थोड़ी नीची हो. अगर इसका उल्टा है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है.
सूर्य की रोशनी बाधित न हो
अगर भूमि के आसपास ऊंची-ऊंची इमारतें हैं, जिससे आपके घर को पर्याप्त सूर्यप्रकाश नहीं मिलेगा, तो वह भूमि वास्तु के अनुसार ठीक नहीं मानी जाती. प्राकृतिक रोशनी ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है. साथ ही, ऐसी भूमि जो गंदे नालों, फैक्ट्रियों या अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों के पास हो, वहां निवास करना मानसिक और शारीरिक रूप से हानिकारक हो सकता है.
पास में शुभ वृक्षों की उपस्थिति हो
भूमि के आसपास अगर आम, केले जैसे शुभ और फलदायक वृक्ष हों, तो यह सकारात्मकता का संकेत है. पर ध्यान रहे कि वृक्ष की छाया आपके मकान पर न पड़े और उसकी जड़ें भवन की नींव को नुकसान न पहुंचाएं.
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- दिशा के अनुसार भूमि चयन
- पूर्व दिशा की भूमि: मान-सम्मान और प्रसिद्धि के लिए श्रेष्ठ है.
- उत्तर दिशा की भूमि: व्यापार और आर्थिक वृद्धि के लिए शुभ मानी जाती है.
- पश्चिम दिशा की भूमि: शांति, अध्ययन और आध्यात्मिकता के लिए उपयुक्त है.
- दक्षिण दिशा की भूमि: लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए अच्छी मानी जाती है, लेकिन पारिवारिक जीवन में कभी-कभी तनाव रह सकता है.