कोंडागांव जिले का बड़े केनरा गांव बना पर्यावरण संरक्षण का मॉडल
कोंडागांव जिले का बड़े केनरा गांव पर्यावरण संरक्षण का मॉडल बन गया है। यहां के युवाओं ने जंगलों की रक्षा के लिए एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान ने गांव की तस्वीर और लोगों की सोच दोनों को बदल दिया है।
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गांव के युवाओं ने जंगलों को जीवन का आधार मानते हुए इनकी सुरक्षा का बीड़ा उठाया। सरपंच प्रकाश चुरुगनिया और युवा नेता गणेश मानिकपुरी के नेतृत्व में एक स्वयंसेवी समूह बनाया गया। यह समूह गांव-गांव जाकर पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैला रहा है।
समूह ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। बच्चों को पौधों की पहचान सिखाई जा रही है। वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बायोफेंसिंग, बीज बिखेरने और नमी संरक्षण जैसे वैज्ञानिक तरीके अपनाए गए हैं।
खुद करते हैं जंगल की निगरानी
अब यह मुहिम पूरे गांव की बन गई है। बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे सभी इसमें शामिल हैं। गांववाले खुद जंगल की निगरानी करते हैं। प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए सक्रिय हैं।
छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरुण कुमार पांडे ने बड़े केनरा का दौरा किया। उन्होंने युवाओं के इस प्रयास की सराहना की। उनका कहना है कि इस तरह के प्रयास पूरे राज्य में किए जाने चाहिए। इससे पर्यावरण संरक्षण एक जनआंदोलन बन सकता है।
पीसीसीएफ ने युवाओं की प्रशंसा
छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) अरुण कुमार पांडे खुद इस प्रयास को देखने बड़े केनरा पहुंचे। उन्होंने युवाओं के समर्पण और आत्मनिर्भर पर्यावरण मॉडल की प्रशंसा करते हुए कहा, “अगर पूरे राज्य में ऐसे प्रयास हों, तो पर्यावरण संरक्षण जनआंदोलन बन सकता है।”