जशपुर जिले में कोरबा-लोहरदगा रेल लाइन के प्रस्तावित सर्वे को लेकर विवाद
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में कोरबा-लोहरदगा रेल लाइन के प्रस्तावित सर्वे को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सोमवार को सर्वे के लिए पहुंचे अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम को सैकड़ों की संख्या में जुटे ग्रामीणों ने गांव में प्रवेश से रोक दिया। विरोध कर रहे ग
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ग्रामीणों का आरोप है कि भारतमाला सड़क परियोजना में भी उनकी जमीन ली गई थी, लेकिन अब तक मुआवजा नहीं मिला। ऐसे में वे किसी भी नई परियोजना के सर्वे को अनुमति नहीं देंगे। उनका कहना है कि प्रशासन जबरन उनकी जमीन लेना चाहता है, जिसे वे किसी भी सूरत में नहीं होने देंगे।
पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई तीखी बहस
स्थिति उस समय और बिगड़ गई जब कुछ बाहरी लोगों के नेतृत्व में ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से गांव छोड़ने की मांग की। मौके पर हल्की धक्का-मुक्की भी हुई और कई बार पुलिस व ग्रामीणों के बीच तीखी बहस देखने को मिली।
विरोध के बीच ग्रामीणों के अगुआ रूपनारायण एक्का ने कहा, “हमारी जमीन पहले भी ली गई, मुआवजा नहीं मिला। अब फिर से हमारी जमीन छीनी जा रही है। हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह 5वीं अनुसूची क्षेत्र है, हमारी सहमति के बिना कोई काम नहीं हो सकता।”

ग्रामीणों ने मुआवजा के बाद होगी बात
एक अन्य ग्रामीण ने कहा, “सर्वे टीम गांव में घुसेगी नहीं, हम जमीन नहीं देंगे। पहले मुआवजा दो, फिर कोई बात होगी।”
वहीं, मौके पर पहुंचे अपर कलेक्टर प्रदीप साहू ने कहा, “हम ग्रामीणों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। यह रेलवे लाइन क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी है। हमने उच्च अधिकारियों को स्थिति की जानकारी दे दी है और आगे का निर्णय उन्हीं के निर्देश पर लिया जाएगा।”

फिलहाल गांव में भारी पुलिस बल तैनात है और प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। वहीं, ग्रामीण अपनी मांगों पर अडिग हैं और सर्वे को किसी भी हालत में नहीं होने देने की बात पर कायम हैं।