हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि बिना मान्यता वाले लॉ कॉलेज और विश्वविद्यालय अब किसी भी छात्र का प्रवेश नहीं ले सकेंगे। पहले मान्यता प्राप्त करनी होगी, तभी एडमिशन संभव होगा। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने आदेश दिया कि अगर
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कोर्ट ने निर्देश दिया कि नया सत्र शुरू होने से पहले मान्यता प्रक्रिया पूरी करनी होगी। सभी शिक्षण संस्थानों को 31 दिसंबर तक रिन्यूअल फीस जमा करनी होगी, जिसके बाद बीसीआई फरवरी में मान्यता प्रक्रिया पूरी करेगा। समय पर फीस न देने पर बीसीआई सख्त कार्रवाई कर सकेगा। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने भोपाल पुलिस कमिश्नर को जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था। मंगलवार को उच्च शिक्षा विभाग के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी अनुपम राजन और पुलिस कमिश्नर हरि नारायणचारी मिश्रा ने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी।