कोलकाता3 मिनट पहले
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डॉ संदीप घोष को CBI ने 16 अगस्त, 2024 को हिरासत में लिया था।
कोलकाता रेप-मर्डर केस में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को शुक्रवार को जमानत मिल गई। हालांकि, वे अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। घोष को रेप-मर्डर केस के सबूतों से छेड़छाड़ मामले में जमानत मिली है।
मेडिकल कॉलेज में फाइनेंशियल फ्रॉड केस में घोष अभी जेल में ही रहेंगे। CBI 90 दिनों के तय पीरियड के बाद भी चार्जशीट फाइल नहीं कर पाई थी। इस वजह से सियालदह कोर्ट ने घोष को बेल दी है। कोर्ट ने ताला थाने के पूर्व इंजार्ज अभिजीत मंडल की जमानत भी इसी आधार पर मंजूर की है। मंडल पर केस की FIR दर्ज करने में देर करने का आरोप है।
इससे पहले 29 नवंबर को कोर्ट ने फाइनेंशियल फ्रॉड मामले में CBI की चार्जशीट नामंजूर कर दी। CBI के पास राजकीय कर्मचारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए राज्य सरकार से जरूरी मंजूरी नहीं थी। इस वजह से विशेष अदालत CBI की चार्जशीट स्वीकार नहीं की थी।
घटना के अगले दिन घोष ने रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था CBI जांच में सामने आया है कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन (10 अगस्त, 2024) ही संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था। ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में मिला था।
CBI को ऐसे डॉक्यूमेंट मिले, जिनसे पुष्टि होती है कि घोष ने 10 अगस्त को लेटर लिखकर स्टेट पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) को सेमिनार हॉल से लगे कैमरे और टॉयलेट का रेनोवेशन करने को कहा था। इस परमिशन लेटर पर घोष के साइन भी हैं।
PWD स्टाफ ने सेमिनार हॉल से लगे कमरे का रेनोवेशन शुरू कर दिया था। हालांकि, कॉलेज स्टूडेंट्स ने इसको लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जिसके चलते रेनोवेशन का काम रोक दिया गया।
जांच अधिकारियों का कहना है कि रेनोवेशन लेटर से यह साफ हो रहा है कि घोष को यह काम कराने की जल्दी थी, लिहाजा यह डॉक्यूमेंट रेप-मर्डर केस और आरजी कर कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी के केस के बीच कड़ी जोड़ने में मदद कर सकता है।
ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन ही संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था।
CBI जांच में वित्तीय गड़बड़ी से जुड़े खुलासे…
- संदीप घोष ने मेडिकल हाउस स्टाफ की नियुक्ति के लिए एक इंटरव्यू सिस्टम शुरू किया। हालांकि, अस्पताल में इंटरव्यू लेने वालों का कोई पैनल नहीं था। नियुक्ति से पहले इंटरव्यू के फाइनल मार्क्स जारी किए जाते थे। घोष पर कई योग्य ट्रेनी डॉक्टरों को नियुक्त न करने का भी आरोप है।
- घोष 2016 से 2018 के बीच मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में पोस्टेड था। वह तब से बिप्लव और सुमन को जानता था। घोष अपने सिक्योरिटी गार्ड, बिप्लव और सुमन के साथ भ्रष्टाचार का नेटवर्क चलाता था।
- घोष ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल बनने के बाद बिप्लव और सुमन को कोलकाता बुला लिया। उसने दोनों वेंडर्स को अस्पताल के कई टेंडर दिलवाए। घोष का गार्ड अस्पताल के बायोमेडिकल कचरे को बेचने के लिए भी वेंडर्स से कॉन्ट्रैक्ट करता था।
- बिप्लब मां तारा ट्रेडर्स, बाबा लोकनाथ, तियाशा एंटरप्राइजेज समेत कई कंपनियां चलाता था। वह इन सभी कंपनियों के नाम पर अस्पताल में टेंडर्स के लिए अप्लाई करता था। ताकि टेंडर के लिए मार्केट में कॉम्पिटिशन दिखे। इसी में किसी एक कंपनी को टेंडर मिलता था।
- CBI को बिप्लब की कंपनियों को टेंडर दिए जाने के तरीके में भी कई खामियां मिली हैं। CBI ने कहा कि वर्क ऑर्डर के लेटर कॉलेज के कई अधिकारियों को लिखे जाते थे, लेकिन उन्हें ये लेटर कभी सौंपे ही नहीं गए। इसका मतलब टेंडर प्रोसेस में अन्य अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया।
- एजेंसी के मुताबिक, घोष के गार्ड की पत्नी नरगिस की कंपनी ईशान कैफे को अस्पताल में कैंटीन का ठेका मिला। संदीप घोष ने गार्ड की पत्नी की कंपनी को नॉन-रिफंडेबल कॉशन मनी भी लौटा दी।
CBI को मिले रेनोवेशन के परमिशन लेटर की तस्वीर। यह सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था।
हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर की बॉडी मिली थी आरजी कर हॉस्पिटल की इमरजेंसी बिल्डिंग के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त की सुबह 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। वह नाइट ड्यूटी पर थी। डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उसकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी।
डॉक्टर की बॉडी के पास एक हेडफोन मिला था। पुलिस ने इस केस में कोलकाता पुलिस में काम करने वाले सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। CCTV कैमरे में संजय इमरजेंसी बिल्डिंग में घुसते हुए दिखा था। तब उसके गले में हेडफोन था। हालांकि, बिल्डिंग से बाहर निकलते समय उसके गले में हेडफोन नहीं था।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ट्रेनी डॉक्टर से बर्बरता का खुलासा
पुलिस ने 12 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के परिवार को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट से पता चला था कि रेप और मारपीट के बाद आरोपी ने डॉक्टर का गला और मुंह दबाकर हत्या की थी।
चार पेज की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी ने डॉक्टर का बुरी तरह शोषण किया था। ट्रेनी डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट्स पर गहरा घाव पाया गया। आरोपी ने डॉक्टर आवाज दबाने के लिए उनकी नाक, मुंह और गले को लगातार दबाया। गला घोंटने से थायराइड कार्टिलेज टूट गया।
डॉक्टर की सिर को दीवार से सटा दिया गया था, जिससे वह चिल्ला न सके। पेट, होंठ, उंगलियों और बाएं पैर पर चोटें पाई गईं। फिर उन पर इतनी जोर से हमला किया कि चश्मा टूट गया। चश्मे का शीशा टूटकर उनकी आंखों में घुस गए। ट्रेनी डॉक्टर की दोनों आंखों, मुंह और प्राइवेट पार्ट्स से काफी ब्लीडिंग हुई थी।