कोलकाता6 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
कोलकाता में जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने 20 सितंबर को साल्ट लेक इलाके में स्वास्थ्य भवन से सीजीओ कॉम्प्लेक्स तक विरोध मार्च निकाला था।
कोलकाता में 8-9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर मामले के बाद 42 दिन तक हड़ताल करने वाले जूनियर डॉक्टर्स फिर से हड़ताल कर सकते हैं।
डॉक्टरों ने शनिवार रात को कहा कि सोमवार यानी 31 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में मामले को लेकर सुनवाई होनी है। इसमें राज्य सरकार वर्कप्लेस पर सेफ्टी और सिक्योरिटी को लेकर जवाब दाखिल करेगी। इसे देखने के बाद हम हड़ताल फिर से शुरू करे का फैसला ले सकते हैं।
दरअसल, कोलकाता के सागोर दत्ता हॉस्पिटल में 27 सितंबर को एक मरीज की मौत के बाद 3 डॉक्टरों और 3 नर्सों से मारपीट का मामला सामने आया था। इसी घटना से नाराज होकर डॉक्टरों ने हड़ताल फिर से शुरू करने का फैसला लेना चाहते हैं।
जूनियर डॉक्टर्स ने राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय से साल्ट लेक स्थित CBI कार्यालय तक (लगभग 4 KM) मार्च निकालने के बाद 20 सितंबर को प्रदर्शन खत्म किया थ।
डॉक्टर्स बोले- हमारी कुछ मांगें अभी भी अधूरी

डॉक्टर्स की मांग पर हटाए गए कई अधिकारी प्रदर्शनकारियों में शामिल डॉ. अकीब ने 19 सितंबर को कहा था कि पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति और हमारी कुछ मांगों पर राज्य सरकार की सहमत के कारण हमने आंशिक रूप से काम पर लौटने का फैसला किया है।
जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि हमारी मांग पर कोलकाता पुलिस कमिश्नर, मेडिकल एजुकेशन के डायरेक्टर और हेल्थ सर्विसेज के डायरेक्टर को हटाया गया है। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि आंदोलन खत्म हो गया है। राज्य के हेल्थ सेक्रेटरी एनएस निगम को हटाने और अस्पतालों में थ्रेट कल्चर खत्म करने की हमारी मांग अभी भी जारी है।
बंगाल सरकार ने विनीत गोयल को पुलिस कमिश्नर पद से हटाया था मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 16 सितंबर को डॉक्टरों के साथ मीटिंग की थी। मीटिंग के बाद ममता ने कहा कि हमने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मान ली हैं। CM ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा था वे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन नहीं लेंगी।
डॉक्टरों की मांग पर बंगाल सरकार ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को पद से हटा दिया था। उनकी जगह मनोज वर्मा ने पद संभाला। स्वास्थ्य विभाग के भी 4 और अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है।
ममता-डॉक्टरों की मीटिंग को लेकर 7 दिन टकराव चला डॉक्टरों और ममता की मीटिंग को लेकर कोलकाता में 7 दिन तक टकराव चला था। 4 कोशिशें नाकाम होने के बाद 16 सितंबर को ममता और डॉक्टरों के डेलिगेशन की CM हाउस में बैठक हुई। इस बैठक में ममता ने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मानी थीं और कहा था कि काम पर वापस लौटें।
डॉक्टरों और CM की 16 सितंबर की मीटिंग के बाद स्वास्थ्य विभाग के भी 4 और अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया। मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टर डॉ. कौस्तुव नायक को स्वास्थ्य-परिवार कल्याण का डायरेक्टर बनाया गया। स्वास्थ्य सेवाओं के डायरेक्टर डॉ. देबाशीष हलदर को पब्लिक हेल्थ का OSD बनाया गया है। त्रिपुरारी अथर्व को DEO का डायरेक्टर चुना गया।
इसके अलावा 5 और पुलिस अधिकारियों के पद भी बदले गए। जावेद शमीम ADG कानून व्यवस्था, विनीत गोयल ADG और IG स्पेशल टास्क फोर्स, ज्ञानवंत सिंह ADG और IG इंटेलिजेंस ब्यूरो, दीपक सरकार नॉर्थ कलेक्टर, अभिषेक गुप्ता CO EFR सेकंड बटालियन का नाम शामिल है।

पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने संदीप घोष का रजिस्ट्रेशन रद्द किया पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का पंजीकरण रद्द कर दिया है। संदीप से पहले स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन 13 दिन से ज्यादा निकलने के बाद भी कोई स्पष्टीकरण न मिलने पर काउंसिल ने यह कदम उठाया।
उधर, नए कमिश्नर मनोज वर्मा गुरुवार, 19 सितंबर को आरजी कर कॉलेज और अस्पताल का दौरा करने पहुंचे। इसी घटना के विरोध में TMC से राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
