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कोलकाता14 मिनट पहले
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गवर्नर आनंद बोस ने कहा है कि ममता सरकार कोलकाता रेप-मर्डर केस को लेकर जल्द जरूरी कदम उठाए।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर और भ्रष्टाचार मामले को लेकर पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने ममता सरकार को कैबिनेट की इमरजेंसी बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बोस ने कहा है कि जनता की मांग को देखते हुए कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को बर्खास्त करना चाहिए और इस किसी अन्य ऑफिसर को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
बोस ने कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकती है। रेप-मर्डर केस और उसके बाद हुई घटनाओं को लेकर ममता सरकार चुप नहीं रह सकती है। राज्य को संविधान और कानून के शासन के तहत काम करना चाहिए।
दरअसल, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त एक ट्रेनी-डॉक्टर का रेप किया गया। उसके बाद उनकी अर्धनग्न बॉडी मिली थी। मामले में कोलकाता पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगे।
इसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने केस को CBI को सौंप दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह जताया। इसके बाद कोलकाता में कमिश्नर के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन हुए।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने 2 सितंबर को कोलकाता पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की। रेप मर्डर केस को लेकर छात्रों ने उन्हें रीढ़ की हड्डी का स्ट्रक्चर दिया।
कोलकाता पुलिस पर प्रदर्शनकारियों के 4 आरोप
- प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया है कि ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर मामले में सबूतों से छेड़छाड़ की गई है।
- केस के सामने आने के बाद क्राइम सीन के पास पुलिस की मौजूदगी में रेनोवेशन का काम हुआ। कमिश्नर ने यह कैसे होने दिया।
- गिरफ्तार किया गया आरोपी संजय रॉय सिर्फ एक मोहरा है। बड़े अधिकारियों को बचाया जा रहा है। पुलिस को इसकी जानकारी है।
- 14 अगस्त की रात को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हिंसा और तोड़फोड़ हुई। पुलिस ने कॉलेज की सुरक्षा को लेकर कुछ नहीं किया।
ट्रेनी डॉक्टर के पिता के कोलकाता पुलिस पर 3 आरोप
- पुलिस शुरुआत से ही इस केस को दबाने की कोशिश कर रही है। डेडबॉडी को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने तक हमें पुलिस स्टेशन में इंतजार करना पड़ा। बाद में, जब बेटी का शव हमें सौंपा गया तो एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने हमें पैसे देने की पेशकश की।
- जब तक अंतिम संस्कार नहीं हुआ, 300-400 पुलिस वालों ने हमें घेर रखा था, लेकिन अंतिम संस्कार हो जाने के बाद वहां एक भी पुलिस वाला नहीं दिखा। परिवार क्या करेगा, कैसे घर जाएगा, पुलिस ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली।
- जब घर में बेटी का शव माता-पिता के सामने पड़ा था और हम आंसू बहा रहे थे, तब पुलिस पैसे दे रही थी, क्या यही पुलिस की मानवता है? पुलिस कह रही थी कि उन्होंने अपनी सारी जिम्मेदारियाँ पूरी कर दी हैं, क्या इसे ही जिम्मेदारी निभाना कहते हैं?
गवर्नर बोले- पुलिस का एक हिस्सा भ्रष्ट, एक हिस्से का राजनीतिकरण हुआ
बोस ने 5 सितंबर को को रेप- मर्डर केस को लेकर कहा- पुलिस का एक हिस्सा भ्रष्ट है, जबकि एक हिस्से का अपराधीकरण हो चुका है और एक हिस्से का राजनीतिकरण हो चुका है। पीड़ित के माता-पिता ने मुझे कुछ ऐसी बातें बताईं हैं, जो दिल दहलाने वाली हैं।
वो इस मामले में न्याय चाहते हैं। पूरा बंगाली समाज न्याय चाहता है। न्याय होना चाहिए। बंगाल सरकार का रुख बद से बदतर होते जा रहा है। लोगों की आवाज भगवान की आवाज है। लोग कार्रवाई चाहते हैं, कार्रवाई के लिए कोई बहाना नहीं बनाया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- 30 साल में ऐसी लापरवाही नहीं देखी रेप-मर्डर केस पर 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान CBI ने कोर्ट में कहा- क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा- कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह है। जांच में ऐसी लापरवाही अपने 30 साल के करियर में नहीं देखी।