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कोलकाता20 मिनट पहले
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ताला पुलिस स्टेशन के SHO अभिजीत मंडल को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाती CBI टीम।
कोलकाता रेप-मर्डर केस मामले में शनिवार (14 सितंबर) को सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और एक थाने के एसएचओ अभिजीत मंडल को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक, दोनों पर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगा है।
अभिजीत मंडल ताला पुलिस स्टेशन में स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) के पद पर तैनात हैं। शनिवार देर रात उसे मेडिकल टेस्ट के लिए बीआर सिंह अस्पताल लाया गया। इसके बाद CBI उसे कोलकाता के स्पेशल क्राइम ब्रांच ले गई।
संदीप घोष और अभिजीत मंडल की गिरफ्तारी के बाद स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रर्दशन कर रहे डॉक्टरों ने खुशी मनाई। डॉक्टरों ने तालियां बजाकर और नारे लगाकर CBI के इस कदम की सराहना की।
आरजी कर मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी संजय रॉय को कोलकाता पुलिस ने वारदात के दूसरे दिन गिरफ्तार किया था।
वहीं, संदीप घोष को CBI पहले ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर चुकी है। CBI ने उनका पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया था। घोष ने CBI को कौन सी बातें बताईं, अभी तक इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।

स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रर्दशन कर रहे डॉक्टरों ने संदीप घोष और पुलिस SHO की गिरफ्तारी को सेलिब्रेट किया।
CBI की जांच में खुलासा- घोष ने घटना के अगले दिन रेनोवेशन का ऑर्डर दिया 5 सितंबर को CBI की जांच में सामने आया है कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन ही संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था। ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह सेमिनार हॉल में ही मिला था।
सूत्रों के मुताबिक, CBI को ऐसे डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिनमें इस बात की पुष्टि हुई है कि संदीप घोष ने 10 अगस्त को लेटर लिखकर स्टेट पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) को सेमिनार हॉल से लगे कमरे और टॉयलेट का रेनोवेशन करने को कहा था। इस परमिशन लेटर पर घोष के साइन भी हैं।
PWD स्टाफ ने सेमिनार हॉल से लगे कमरे का रेनोवेशन शुरू कर दिया था। हालांकि, कॉलेज स्टूडेंट्स ने इस केस को लेकर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जिसके चलते रेनोवेशन के काम को वहीं रोक दिया गया।
जांच अधिकारियों का कहना है कि रेनोवेशन लेटर से यह साफ हो रहा है कि घोष को यह काम कराने की जल्दी थी, लिहाजा यह डॉक्यूमेंट रेप-मर्डर केस और आरजी कर कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी के केस के बीच कड़ी जोड़ने में मदद कर सकता है।

13 अगस्त की शाम आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल के पास शुरू हुए रेनोवेशन की तस्वीर।
संदीप घोष पहले से हिरासत में, करप्शन का आरोप आरजी कर कॉलेज में भ्रष्टाचार करने के मामले में CBI ने उसे 16 अगस्त को हिरासत में लिया था। 24 अगस्त को घोष के खिलाफ वित्तीय अनियमितता का मामला दर्ज किया था। CBI ने यह कार्रवाई कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर की थी। इसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने 28 अगस्त को संदीप घोष की सदस्यता सस्पेंड कर दी थी।

CBI जांच में वित्तीय गड़बड़ी से जुड़े खुलासे…
- संदीप घोष ने मेडिकल हाउस स्टाफ की नियुक्ति के लिए एक इंटरव्यू सिस्टम शुरू किया। हालांकि अस्पताल में इंटरव्यू लेने वालों का कोई पैनल नहीं था। नियुक्ति से पहले इंटरव्यू के फाइनल मार्क्स जारी किए जाते थे। घोष पर कई योग्य ट्रेनी डॉक्टरों को नियुक्त नहीं करने का भी आरोप है।
- संदीप घोष 2016 से 2018 के बीच मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में पोस्टेड था। वह तब से बिप्लव और सुमन को जानता था। घोष अपने सिक्योरिटी गार्ड, बिप्लव और सुमन के साथ भ्रष्टाचार का नेटवर्क चलाता था।
- घोष ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल बनने के बाद बिप्लव और सुमन को कोलकाता बुला लिया। उसने दोनों वेंडर्स को अस्पताल के कई टेंडर दिलवाए। घोष का गार्ड अस्पताल के बायोमेडिकल कचरे को बेचने के लिए भी वेंडर्स से कॉन्ट्रैक्ट करता था।
- बिप्लब मां तारा ट्रेडर्स, बाबा लोकनाथ, तियाशा एंटरप्राइजेज समेत कई कंपनियां चलाता था। वह इन सभी कंपनियों के नाम पर अस्पताल में टेंडर्स के लिए अप्लाई करता था। ताकि टेंडर के लिए मार्केट में कॉम्पिटिशन दिखे। इसी में किसी एक कंपनी को टेंडर मिलता था।
- CBI को बिप्लब की कंपनियों को टेंडर दिए जाने के तरीके में भी कई खामियां मिली हैं। CBI ने कहा कि वर्क ऑर्डर के लेटर कॉलेज के कई अधिकारियों को लिखे जाते थे, लेकिन उन्हें ये लेटर कभी सौंपे ही नहीं गए। इसका मतलब टेंडर प्रोसेस में अन्य अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया।
- एजेंसी के मुताबिक, घोष के गार्ड की पत्नी नरगिस की कंपनी ईशान कैफे को अस्पताल में कैंटीन का ठेका मिला। संदीप घोष ने गार्ड की पत्नी की कंपनी को नॉन-रिफंडेबल कॉशन मनी भी लौटा दी।
