Friday, December 27, 2024
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कोलकाता रेप-मर्डर, भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टर की तबीयत बिगड़ी: देर रात पल्स रेट गिरी, आरजी कर अस्पताल के ICU में भर्ती


कोलकाता11 मिनट पहले

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भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के समर्थन में अन्य जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार के खिलाफ गुरुवार रात प्रोटेस्ट किया।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के विरोध में 7 ट्रेनी डॉक्टर भूख हड़ताल पर हैं। इनमें से एक जूनियर डॉक्टर अनिकेत महतो की गुरुवार देर रात तबीयत बिगड़ गई।

सीनियर डॉक्टर सुबर्ना गोस्वामी ने बताया कि अनिकेत की स्थिति लगातार खराब हो रही थी। गुरुवार को उनका पल्स रेट काफी कम हो गया। उनके अन्य हेल्थ पैरामीटर्स की रीडिंग भी काफी कम दर्ज की गई। उन्हें आरजी कर अस्पताल के इंटेसिव केयर यूनिट में भर्ती किया गया है। अनिकेत जूनियर डॉक्टरों को इंसाफ दिलाने के लिए पिछले 2 महीने से लड़ाई लड़ रहे थे।

आरजी कर अस्पताल में 8 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर किया गया था। 9 अगस्त को विक्टिम की बॉडी मेडिकल कॉलेज में मिली थी। इसके अगले दिन से जूनियर डॉक्टरों ने 42 दिन तक विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद भी डॉक्टरों की मांगें नहीं मानी गई तो उन्होंने 5 अक्टूबर की शाम से भूख हड़ताल शुरू की। आज उनकी हड़ताल का छठवां दिन है।

5 अक्टूबर की शाम को इन्हीं 6 डॉक्टरों ने भूख हड़ताल शुरू की थी। इसके बाद इनके 3 और साथी हड़ताल पर बैठे।

5 अक्टूबर की शाम को इन्हीं 6 डॉक्टरों ने भूख हड़ताल शुरू की थी। इसके बाद इनके 3 और साथी हड़ताल पर बैठे।

ममता सरकार ने 4 डॉक्टरों भेजे, उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने का सुझाव दिया भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार शाम को 4 विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम को भूख हड़ताल वाली जगह पर भेजा। टीम में मौजूद दीप्तेंद्र सरकार ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि चूंकि डॉक्टरों ने 5 दिन से कुछ नहीं खाया है, इसलिए इनके हेल्थ पैरामीटर्स लो हो गए हैं। हम उनके माता-पिता की तरह हैं। हमने उन्हें सुझाव दिया है कि तबीयत ज्यादा बिगड़ने से पहले वे अस्पताल में भर्ती हो जाएं।

हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की मुख्य सचिव के साथ मीटिंग बेनतीजा रही मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ डॉक्टरों के एक दल ने 9 अक्टूबर को करीब 2 घंटे तक मीटिंग की। हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला। जूनियर डॉक्टर बोले- राज्य सरकार ने दुर्गा पूजा के बाद मांगों के बारे में सोचने की बात कही है। हमारे साथी 4 दिन से भूख हड़ताल पर हैं, हमें ऐसी कठोरता की उम्मीद नहीं थी।

साल्ट लेक में स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय में हुई इस बैठक में राज्य भर के मेडिकल कॉलेज के लगभग 20 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। देवाशीष हलधर ने कहा कि मुख्य सचिव ने परिसरों में सुरक्षा उपायों को लागू करने के मामले में राज्य की तरफ से उठाए गए कदम के बारे में पुरानी बातें ही दोहराईं। बाकी मांगों के बारे में, सरकार ने कोई लिखित निर्देश जारी करने या उसके लिए समय सीमा बताने से भी इनकार कर दिया।

डॉक्टरों ने पहले 5 मांगें रखी थीं, इनमें सरकार ने 3 पूरे किए… फिर भूख हड़ताल जूनियर डॉक्टरों ने रेप-मर्डर घटना के खिलाफ 10 अगस्त से 21 सितंबर तक 42 दिन तक हड़ताल की थी। डॉक्टरों ने सरकार के सामने पहले 5 मांगें रखी थीं। इनमें से सरकार ने 3 मांगें मान लीं। CM ममता ने दो अन्य मांगों और शर्तों पर विचार करने का आश्वासन दिया था।

इसके बाद डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी थी। वे अस्पतालों में काम पर लौट गए थे। 27 सितंबर को सागोर दत्ता हॉस्पिटल में 3 डॉक्टरों और 3 नर्सों से पिटाई का मामला सामने आया, जिससे नाराज होकर डॉक्टरों ने 1 अक्टूबर को फिर से हड़ताल शुरू कर दी।

4 अक्टूबर को जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली, लेकिन धरना जारी रखा। उन्होंने कहा कि हम काम पर लौट रहे हैं क्योंकि सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीज परेशान हो रहे हैं। हालांकि उन्होंने राज्य सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद उन्होंने अनशन शुरू किया।

100 से ज्यादा सीनियर डॉक्टर्स ने दिया इस्तीफा ममता सरकार और डॉक्टरों के बीच एक और दौर की बातचीत विफल होने के बाद बुधवार रात तक आरजी कर अस्पताल के 106 डॉक्टरों और फैकल्टी ने इस्तीफा दे दिया है। दिन में जलपाईगुड़ी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 19, सिलीगुड़ी के नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 42, कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 35 और कोलकाता के मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के करीब 70 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं।

आरजी कर में जूनियर डॉक्टर को बॉक्स में खून के धब्बों वाले ग्लव्स मिले गुरुवार को आरजी कर के एक जूनियर डॉक्टर ने बताया कि उसे एक मरीज का इलाज करते समय सील्ड बॉक्स में खून के धब्बों वाले सर्जिकल ग्लव्स मिले। ऐसे दस्तानों के इस्तेमाल से संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।

जूनियर डॉक्टर ने कहा कि वह अस्पताल के ट्रॉमा केयर सेंटर में संक्रमित मरीज का इलाज कर रहे थे, जब उन्हें वह दस्ताने मिले। उन्होंने कहा कि अगर धब्बे मिट्टी या गंदगी के होते, तो उन्हें पोंछा जा सकता था। लेकिन ये खून के धब्बे लगते हैं।

जूनियर डॉक्टर ने यह भी दावा किया कि यह आरजी कर अस्पताल तक सीमित मुद्दा नहीं है, बल्कि कई अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी ऐसी समस्या सामने आई है। इससे पहले 28 सितंबर को सलाइन बोतलों में फंगस पाया गया था।

राज्य स्वास्थ्य विभाग के सेंट्रल मेडिकल सप्लाई डिपार्टमेंट ने इस मामले की जांच करने की बात कही है।

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कोलकाता रेप मर्डर केस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

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