घाटशिला के डुमरिया प्रखंड के कोलाबाड़िया गांव ने आपसी सहयोग की मिसाल कायम की है। आदिवासी बहुल इस गांव में किसान और मजदूर रहते हैं। यहां के ग्रामीणों ने दो एकड़ सामुदायिक जमीन को खेती के लिए सुरक्षित किया। इसपर धान की रोपाई से कटाई तक प्रत्येक परिवार
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तैयार फसल को गांव में एक घर में जमा किया जाता है। जब किसी को आर्थिक सहायता की जरूरत पड़ती है, तो इस धान को बेचकर उसे पैसे दिए जाते हैं। अनाज की कमी पर धान दिया जाता है। सक्षम होने के बाद व्यक्ति को दिया गया अनाज लौटाना होता है, जिसमें मामूली सा अतिरिक्त अनाज भी शामिल होता है।
ताकि… आर्थिक संकट से जूझना नहीं पड़े
गांव के इस पहल से ग्रामीणों को कभी भी आर्थिक संकट से जूझना नहीं पड़ता। गांव के सामुदायिक फंड में डेढ़ लाख रुपए और 50 क्विंटल धान जमा है। गांव के बच्चे बिना किसी आर्थिक परेशानी के पढ़ाई कर पा रहे हैं । कोलाबाड़िया गांव के वाशिंदों ने अपने परस्पर सहयोग और सामूुहिक प्रयास से एक अद्भुत परंपरा की शुरुआत की है।
गांव में किसी बच्चे को पढ़ाई में आर्थिक कमी हो रही हो या फिर किसी व्यक्ति को अपने घर में दिक्कत हो। आसानी से सहयोग मिल जाता है। बच्चों की पढ़ाई में आर्थिक कमी पूरी की जाती है ताकि बच्चे का भविष्य पैसे की कमी से खराब ना हो। किसी घर में खाने के लिए अनाज कम पड़ जाए तो उसे अनाज दिया जाता है।