Payal and Kala Dhaga Benefits in Astrology: भारतीय परंपराओं में कई चीजें ऐसी होती हैं जो देखने में तो सिर्फ फैशन या सजावट लगती हैं, लेकिन असल में उनके पीछे गहरा आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व छिपा होता है. पायल और काला धागा भी उन्हीं में से हैं. आपने अक्सर देखा होगा कि नई दुल्हन या शादीशुदा महिलाएं अपने पैरों में पायल पहनती हैं और कुछ महिलाएं काले धागे का भी इस्तेमाल करती हैं. यह सिर्फ सजने-संवरने के लिए नहीं किया जाता, बल्कि इसके पीछे कई फायदे और उपाय छिपे होते हैं. यह न सिर्फ बुरी नजर से बचाता है, बल्कि ग्रहों के अशुभ प्रभाव को भी शांत करता है. क्या पायल और काले धागे को एक साथ पहना जा सकता है? इस बारे में बता रहे हैं ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री रवि पाराशर.
क्यों पहनी जाती है पायल?
पायल पहनने की परंपरा बहुत पुरानी है और इसका संबंध सिर्फ सौंदर्य से नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और ऊर्जा से भी है. खासकर चांदी की पायल पहनने से शरीर में ठंडक बनी रहती है. चांदी एक ऐसा धातु है जो शरीर की गर्मी को संतुलित करता है. यह पैरों में सूजन, दर्द और थकान जैसी समस्याओं को भी कम करता है. चांदी शरीर की नकारात्मक ऊर्जा को खींच लेती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है.
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, पायल पहनने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और महिला के जीवन में सौभाग्य आता है. विशेषकर विवाहित महिलाएं इसे मंगलसूचक समझती हैं. इसे पहनने से वैवाहिक जीवन में सामंजस्य बना रहता है और मानसिक तनाव भी कम होता है.
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काले धागे का महत्व क्या है?
काले धागे को नजरदोष और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने वाला एक प्राचीन उपाय माना गया है. जब इसे पैर में बांधा जाता है तो इसका असर और बढ़ जाता है. काला रंग राहु, केतु और शनि जैसे ग्रहों का प्रतिनिधित्व करता है और इन ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने में मदद करता है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शनिवार के दिन किसी भैरव मंदिर में जाकर काले धागे को सिद्ध कर पहनना बेहद शुभ होता है. इससे आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है और मन में सकारात्मक सोच बनी रहती है. यह मानसिक तनाव, भय और चिंता को भी कम करता है.
किन राशियों को नहीं पहनना चाहिए?
हालांकि पायल और काला धागा एक साथ पहनना बहुत लाभकारी माने जाते हैं, लेकिन हर किसी के लिए ये फायदेमंद नहीं होते. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, मेष, वृश्चिक और कर्क राशि की महिलाओं को पायल के साथ काला धागा पहनने से बचना चाहिए. ऐसा करने से उनके जीवन में आर्थिक नुकसान, वैवाहिक तनाव या सेहत संबंधी परेशानी आ सकती है. ऐसे जातकों को काले धागे की जगह चांदी का कड़ा या सफेद धागा पहनने की सलाह दी जाती है.
सेहत पर असर
काले धागे का उपयोग केवल ज्योतिषीय लाभ के लिए नहीं, बल्कि शारीरिक लाभ के लिए भी किया जाता है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, यह पेट दर्द, कमर दर्द और रीढ़की हड्डी से जुड़ी समस्याओं में आराम देता है. साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. बच्चों को अक्सर नजर से बचाने के लिए भी उनके पैरों या हाथों में काला धागा बांधा जाता है.
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अतिरिक्त उपाय
धन और सौभाग्य के लिए
पायल पहनने से पहले उसे गंगाजल से शुद्ध करें और “ॐ सौभाग्य लक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 11 बार जप करें.
कर्ज़ से मुक्ति के लिए
शनिवार को एक काले धागे में सात छोटी-छोटी गांठें बांधें और इसे बाएं पैर में बांधें. जल्द ही कर्ज उतरने के योग बनते हैं.
गर्भधारण में मदद
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, यदि महिला संतान प्राप्ति की इच्छा रखती है तो चांदी की पायल और काले धागे को एक साथ पहनकर शिव मंदिर में पूजा करे, तो जल्दी फल मिल सकता है.
ध्यान रखें
काले धागे के साथ कभी भी लाल या पीला धागा न पहनें. ये रंग सूर्य और मंगल के कारक हैं और राहु/केतु से टकराव करते हैं.