Monday, June 9, 2025
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क्यों अशुभ मानी जाती है बुधवार की विदाई? हर माता-पिता को जाननी चाहिए ये अहम बातें, कारण जो हर बेटी के भविष्य से जुड़े हैं


Hindu Vidai Rituals : भारत में हर छोटी-बड़ी बात के पीछे कोई न कोई परंपरा या मान्यता ज़रूर जुड़ी होती है. चाहे घर बनाना हो, कोई नया काम शुरू करना हो या फिर बेटी को विदा करना हो लोग शुभ-अशुभ समय और दिन का खूब ध्यान रखते हैं. खासकर जब बात हो बेटी की शादी के बाद उसे विदा करने की, तो बहुत सी बातें मानी जाती हैं. इन्हीं में से एक मान्यता है कि बुधवार के दिन बेटी को ससुराल नहीं भेजना चाहिए. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

अब सवाल उठता है कि आखिर क्यों बुधवार को विदाई करना सही नहीं माना जाता? इसके पीछे धार्मिक, ज्योतिषीय और मनोवैज्ञानिक कारण बताए जाते हैं. आइए, इस आर्टिकल में जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.

बुध ग्रह और चंद्र का संबंध
ज्योतिष के अनुसार बुधवार का संबंध बुध ग्रह से होता है. वहीं, स्त्रियों का जुड़ाव चंद्र ग्रह से माना गया है. बुध और चंद्र के बीच आपसी मेल नहीं है, यानी इन दोनों ग्रहों के स्वभाव में विरोध माना गया है. इसी वजह से कहा जाता है कि अगर बुधवार को किसी कन्या की विदाई होती है, तो उसके रिश्ते में तनाव या दूरियां आ सकती हैं.

क्या हो सकती हैं परेशानियां?
बुज़ुर्गों का मानना है कि बुधवार को बेटी की विदाई से उसके ससुराल के लोगों से बनती नहीं है, या फिर किसी बात को लेकर गलतफहमी पैदा हो सकती है. साथ ही यह भी माना जाता है कि इस दिन विदाई देने से किसी यात्रा के दौरान दुर्घटना या कोई परेशानी हो सकती है.

बेटी की विदाई का सही दिन कौन सा?
अगर कोई तय दिन नहीं है, तो अक्सर शुक्रवार या रविवार को अच्छा माना जाता है, ये दिन रिश्तों में मिठास बढ़ाने वाले माने जाते हैं. कई परिवार तो विदाई के लिए पंचांग देखकर शुभ मुहूर्त निकलवाते हैं ताकि आगे कोई अड़चन न आए.

मन की शांति और परंपरा दोनों जरूरी
भले ही कुछ लोग इन मान्यताओं को सिर्फ अंधविश्वास मानते हों, लेकिन बहुत से परिवारों के लिए यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही होती है. ऐसा मानना है कि अगर कोई काम सही समय और सही दिन किया जाए, तो उसका असर भी अच्छा होता है. खासकर बेटी की विदाई जैसे भावुक पल में लोग कोई रिस्क नहीं लेना चाहते.



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