Why did Hanuman love Ram? अंजनी पुत्र हनुमान जी श्री राम के भक्त थे। उन्हें आज भी श्री राम भक्त के नाम से जाना जाता है। बता दें कि कुछ दक्षिण भारत की रामायणे हैं उनमें कई कथाएं मिलती हैं, उनमें से एक कथा हनुमान जी और माता अंजनी की है। कहते हैं कि हनुमान जी एक ऐसे पुत्र हैं, जिन्होंने अपनी माता का ऐसा कर्ज चुकाया जो आज तक कोई नहीं चुका सकता। ऐसे में इसके बारे में पता होना जरूरी है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि कौन सा कर्ज हनुमान जी ने धरती पर रहकर चुकाया। पढ़ते हैं आगे…
जब हुनमान जी श्रीराम को ले आए अंजनी मां के पास
माता अंजनी ने कठोर तप कर भगवान शिव को प्रसन्न किया और उनसे पराक्रमी पुत्र का आशीर्वाद प्राप्त किया। तब उन्होंने हनुमान जी को जन्म दिया। वे हनुमान जी से बेहद प्यार करती थी। एक समय की बात है जब हनुमान जी थोड़े बड़े हुए तो उन्होंने पूछा, मां मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं? तब माता ने कहा- अभी मैं इस पृथ्वी पर हूं और मेरा लालन पोषण अब तेरी जिम्मेदारी है। लेकिन मेरा एक कर्ज है जिसे तू चुका सकता है। तब हनुमान जी ने पूछा ऐसा कौन सा कर्ज है मां। उन्होंने कहा कि जब तुम अपने जीवन में धर्म, भक्ति और परोपकार की तरफ चलोगे और श्री राम की सेवा करोगे, उनकी भक्ति करोगे तब मेरा कर्ज चुक जाएगा। हनुमान जी ने वचन दिया कि मैं अपना पूरा जीवन भगवान श्री राम को समर्पित कर दूंगा।
ऐसे में जब हनुमान जी ने श्री राम की आज्ञा के बाद लंका दहन किया, फिर संजीवनी बूटी लेकर आए और युद्ध में उनकी मदद की तो युद्ध समाप्त होने पर प्रभु श्री राम ने कहा कि हनुमान तुम्हारी क्या इच्छा है बताओ? हनुमान जी ने कहा कि प्रभु मैंने हमेशा आपकी निस्वार्थ सेवा की है लेकिन मैं आपको अपनी मां अंजनी के पास लेकर जाना चाहता हूं। क्या आप मेरे साथ चलेंगे। हनुमान जी श्री राम को अपनी माता के पास ले गए। उन्हें देखकर अंजनी मां को विश्वास नहीं हुआ। तब माता अंजनी ने हनुमान जी से कहा कि तूमने आज मेरा कर्ज चुका दिया, तुम न सिर्फ श्री राम को मेरे पास लेकर आए बल्कि उनकी सेवा भी की। लोग तो मरने के बाद प्रभु के धाम जाते हैं पर मैंने तो धरती पर श्री राम को पा लिया।