नागपुर11 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
खड़गे ने नागपुर में महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार के लिए समर्थन मांगा। (फाइल)
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए शनिवार को नागुपर पहुंचे। उन्होंने उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्याथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले नारे का जवाब देते हुए कहा कि योगी के मुंह में राम है और बगल में छुरी है।
खड़गे ने कहा कि योगी साधू के ड्रेस में आते हैं और बोलते हैं कि बटेंगे तो कटेंगे। बांटने वाले भी वो ही हैं और काटने वाले भी वो ही हैं। इन्होंने ही बांटने का काम किया है।
इन्होंने हजारों साल पहले मनुस्मृति में बांटा और तब से काटते आ रहे हैं। मनुस्मृति में ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र और अतिशूद्र में बांटा। PM मोदी बोलते हैं कि एक हैं तो सेफ हैं। अगर मोदी को एक होकर सेफ होना है तो मनुस्मृति को जलाना होगा।
खड़गे की स्पीच की 3 बड़ी बातें
1. कांग्रेस ने एक होकर काम किया
- वोटों के लिए एक होना और वोटों के लिए बांटने की बात कांग्रेस नहीं करती है। कांग्रेस ने हमेशा एक होकर और एक रहकर काम किया है। इसलिए महात्मा गांधी ने अपने प्राण दे दिए। गांधी की हत्या करने वाले गोडसे इनकी विचारधारा वाला था।
- इंदिरा गांधी को भी इन्हीं की विचारधारा वालों ने हत्या की। हम एक रहना चाहते हैं तो गोलियां हमारे ऊपर ही चलती है। राजीव गांधी भी इस देश को एक रखना चाहते थे। उनकी भी हत्या कर दी गई। उनके टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए।
2. जनगणना देश के लिए जरूरी
- भाजपा वाले हमारे लोगों को भड़काने के लिए कहते है कि कांग्रेस वाले देश में जातीय आधारित जनगणना कराके देश को बांटना चाहती है। जनगणना करवाने में गलत क्या है। जनगणना तो हर 10 साल में होता है।
- अगर ट्राइबल की जनगणना नहीं होती तो उनकी संख्या के अनुसार उनको रिजर्वेशन कैसे मिलता। इसी तरह से बैकवर्ड क्लास के लिए जनगणना की जरूरत है। हमें उनकी गरीबी, शिक्षा नौकरी के आकड़े चाहिए।
3. मोदी हमेशा बांटने की बात करते हैं
- मोदी जी खुश है क्योंकि उन्हें चंदा मिलता है, लेकिन देश में गरीबों के पास खाने के लिए पैसे नहीं है। काम नहीं है, शिक्षा नहीं है।
- अंबेडकर ने कहा था कि विद्या हासिल करो और अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर लड़ो। लेकिन मोदी हमेशा बांटने की बात करते हैं।
2019 की तुलना में कांग्रेस कम सीटों पर लड़ रही

2019 के विधानसभा चुनाव की तुलना में कांग्रेस इस बार कम सीटों पर लड़ रही है। कांग्रेस ने पिछली बार 147 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इस बार 44 उम्मीदवार कम उतारे हैं। MVA से भाजपा ने 103 , उद्धव गुट ने 89, शरद गुट ने 87 उम्मीदवार उतारे हैं।
महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण पर एक नजर…

………………………………………………
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
5 साल में 3 सरकारों का रिपोर्ट कार्ड; 3 बड़े प्रोजेक्ट गंवाए, 7.83 लाख करोड़ रुपए का कर्ज

5 साल, 3 मुख्यमंत्री और 3 अलग-अलग सरकारें। महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद 5 साल सियासी उठापठक चलती रही। अब फिर से विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। चुनाव से पहले दैनिक भास्कर की टीम महाराष्ट्र पहुंची और पिछले 5 साल का लेखा-जोखा जाना। इसमें तीन बातें समझ आईं, पूरी खबर पढ़ें…