गोंडा में घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से गांवों में बाढ़ की स्थिति है।
गोंडा जिले में घाघरा नदी का जलस्तर बीते 48 घंटे में खतरे के निशान से 55 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया था, लेकिन अब बीते 12 घंटे से नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे की ओर बढ़ रहा है। वर्तमान में घाघरा नदी खतरे के निशान से 19 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है और पि
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हालांकि, नदी के घटते जलस्तर के बावजूद तरबगंज और करनैलगंज तहसील क्षेत्र के 25 गांवों की 13,652 जनसंख्या और 6,616 पशु बाढ़ से प्रभावित हैं। इन प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए 27,316 लंच पैकेट और 7,000 राहत किट वितरित की गई हैं। तरबगंज तहसील के दत्तनगर, बढ़ीमाझा, सखीपुर और चहलवा समेत कई गांवों में बाढ़ का पानी घरों में घुस चुका है, जिससे लोग ऊंचे स्थानों पर पलायन करने को मजबूर हैं।
घाघरा नदी के घटते जलस्तर के साथ-साथ तटीय इलाकों में कटान की समस्या भी सामने आ रही है। नदी ने तटीय इलाकों में स्थित सैकड़ों एकड़ फसल को अपने साथ ले लिया है और तटबंधों में भी कटान शुरू कर दी है। बाढ़ खंड और सिंचाई विभाग के अधिकारी लगातार तटबंधों का निरीक्षण कर रहे हैं और किसी भी समस्या के समाधान के लिए तुरंत कार्रवाई कर रहे हैं।
गोंडा में घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से गांवों में बाढ़ की स्थिति है।
अधिकारी रख रहे नजर
अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि गोंडा में बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, लेकिन राहत कार्यों और राहत किटों की वितरण के साथ स्थिति को नियंत्रित किया जा रहा है। नदी के जलस्तर में कमी के बावजूद तटीय इलाकों में कटान पर नजर रखी जा रही है और किसी भी प्रकार की समस्या से निपटने के लिए अधिकारी पूरी तरह से सतर्क हैं।
गोंडा में घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से गांवों में बाढ़ की स्थिति है।