मधेपुरा के एडीएम (विभागीय जांच) का बैडमिंटन खिलाड़ियों को पीटने का वीडियो वायरल होने पर डीएम ने जांच का आदेश दिया है। साथ ही कसूरवार पर कार्रवाई की भी बात कही है। डीएम तरनजोत सिंह ने कहा कि जिला खेल पदाधिकारी से रिपोर्ट की मांग की गई है। रिपोर्ट आने
.
बेलगाम अफसरशाही को बेनकाब कर रही घटना
इस मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री व मधेपुरा से राजद विधायक प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि यह घटना बिहार के बेलगाम अफसरशाही को बेनकाब कर रहा है। इस सरकार में आम अवाम की यही स्थिति है कि अफसर जब चाहे उसे खेलने को कहे और मन मुताबिक अगर ना हो तो खदेड़ कर मारपीट करें।
पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस अधिकारी को हटाया जाए। वहीं मानसिक यंत्रणा से गुजर रहे खिलाड़ी का समुचित इलाज करने के साथ-साथ उसे मुआवजा भी प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि दोषी एडीएम विभागीय जांच अधिकारी के साथ-साथ खेल विभाग के भी प्रभार में भी है।
ऐसे मानसिक रूप से बीमार लोगों को इस तरह का प्रभार देना प्रशासनिक कुव्यवस्था को दर्शा रहा है। पूर्व मंत्री ने कहा अगर खिलाड़ी को इंसाफ नहीं मिलता है तो सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा। सदन में इसकी आवाज उठाई जाएगी। मधेपुरा के बेटे के साथ की गई नाइंसाफी के मामले में हर स्तर पर संघर्ष किया जाएगा।
गलत शॉट खेलने खिलाड़ियों को पीटने का आरोप
दरअसल, एडीएम शिशिर कुमार मिश्रा पर आरोप है कि खिलाड़ी द्वारा गलत शॉट खेल देने से वह आग-बबूला हो गए खदेड़ कर उसे बैडमिंटन की रैकेट फेंक कर मारने की कोशिश की। उसे बचाने गए दूसरे लड़के की भी रैकेट से पिटाई कर दी और उसका बैडमिंटन रैकेट तोड़ दिया। मामले में एडीएम शिशिर कुमार मिश्रा ने कहा कि वीडियो एडिट किया हुआ है। बैडमिंटन खेलने के दौरान भागदौड़ हुई थी। जिसमें बैडमिंटन रैकेट टूट गया। बच्चों को नया बैडमिंटन रैकेट खरीद कर दे दिया गया है।