नालंदा में हथियार के जखीरा के साथ पकड़ा गया अकबर मलिक पेशेवर अपराधी है। अकबर करीब 15 साल पहले मुंबई गया था। वहां वो कुर्ला वेस्ट में रहता था और मलाड में अपना ऑफिस खोला था। अकबर ने जो ऑफिस खोला था, उसमें फर्जी प्रमाण पत्र से लेकर फर्जी ड्राइविंग लाइसे
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अकबर तीन भाईयों में सबसे छोटा है। उससे बड़ा पूर्व वार्ड पार्षद बाबर मलिक और सबसे बड़ा मिजाज अहमद है। बाबर और उसकी पत्नी वार्ड संख्या 29 से वार्ड पार्षद रह चुके हैं। नालंदा में अकबर के खिलाफ सबसे पहला मामला 2012 में ही दर्ज किया गया था। बिहार थाना में उसके खिलाफ 8, लहेरी में एक और पटना जिला के बिहटा थाना में एक मुकदमा दर्ज है।
नालंदा पुलिस ने बुधवार को अकबर के घर से 8 पिस्टल, बंदूक और रिवॉल्वर के अलावा 967 जिंदा कारतूस समेत अन्य हथियार बरामद किया।
खुद को किंग कहलवाना पसंद करता था अकबर
अकबर पर आर्म्स एक्ट, दंगा, रंगदारी, ठगी समेत कई गंभीर आरोप हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो वो खुद को किंग कहलवाना पसंद करता था। अकबर के पड़ोसियों ने नाम न छापने की रिक्वेस्ट पर बताया कि अगर कोई उसकी बात नहीं मानता था, तो वो ऐसे लोगों को डराने के लिए उन पर फायरिंग करवाता था, मारपीट भी करता था। स्थानीय लोगों ने ही बताया कि अकबर के हथियार तस्करी में शामिल होने की चर्चा बहुत दिनों से थी। हथियारों की तस्करों के लिए वो छोटे-छोटे लड़कों का इस्तेमाल करता था।
30 मार्च को रंगदारी नहीं देने पर कारोबारी पर की थी फायरिंग
पटना जिला के बिहटा थाना में अकबर के खिलाफ इसी साल 30 मार्च को एफआईआर की गयी थी। FIR के मुताबिक, अकबर ने अपने पड़ोसी से रंगदारी की मांग की थी। नहीं देने पर अकबर ने अत्याधुनिक हथियारों से उस पर जानलेवा हमला करते हुए फायरिंग की थी। पीड़ित ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई थी। दैनिक भास्कर से बातचीत में पीड़ित ने बताया कि मैं दिल्ली में कारोबार करता हूं। पहले उसने फोन पर रंगदारी मांगी, नहीं देने पर जब मैं मार्च में घर लौट रहा था, तब उसने किसी पुलिसकर्मी की मदद से मेरा लोकेशन ट्रेस करा लिया था और मुझ पर फायरिंग की थी।

नालंदा SP भारत सोनी ने बताया कि ‘अकबर मलिक के अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त की सूचना मिली थी। इस सूचना के आधार पर एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम ने छापेमारी की।’
पुलिस में गहरी पैठ, सत्तारुढ़ दल के नेताओं से हैं नजदीकियां
अकबर का भाई बाबर पूर्व वार्ड पार्षद है और जदयू का एक्टिव मेंबर भी है। वो जदयू का नगर अध्यक्ष भी रह चुका है। हालांकि, इस मामले में जदयू नेताओं का बयान दिनभर में कई बार बदला। पहले तो पार्टी की ओर से कहा गया कि बाबर सक्रिय सदस्य है, अकबर नहीं। बाद में बाबर के भी सदस्य होने की बात से इनकार कर दिया गया।

अकबर का घर बिहार थाना क्षेत्र के बैगनाबाद मोहल्ला में है। पुलिस करीब 7 से 8 घंटे तक उसके घर पर सर्चिंग करती रही।
पड़ोसियों की मानें तो अकबर अपने भाई बाबर की वजह से ही अपराध की दुनिया में आगे बढ़ता गया और भाई की वजह से ही सत्तारुढ़ दल के नेताओं से नजदीकियां बढ़ा ली। सूत्रों की माने तो अकबर की पुलिस में भी काफी पैठ है। यही वजह है कि इतने संगीन मामलों का आरोपित होने के बाद भी वह पुलिस के हाथ नहीं आ रहा था।
दो भाइयों और रिश्तेदारों के घर पर भी की छापेमारी
नालंदा एसपी भारत सोनी ने बताया कि सूचना मिली थी कि बिहार थाना क्षेत्र के बेगनाबाद में एक अपराधी है, जिसका आपराधिक इतिहास रहा है। जमीन दलाली और धोखाधड़ी का काम करता है। सूचना का सत्यापन किया गया। बुधवार तड़के पुलिस की टीम ने आरोपी अकबर मलिक और उसके भाइयों के घर पर छापेमारी की। 7 से 8 घंटे तक कार्रवाई की। आरोपियों के रिश्तेदारों और दो भाइयों के घर पर भी रेड की।
छापेमारी के दौरान मेड इन इंग्लैंड और मेड इन ताइवान पिस्टल और भारी मात्रा में जिंदा कारतूस भी मिला है। आरोपियों के रिश्तेदारों के मोबाइल जब्त किए गए हैं। हथियार कहां से लाता था, उद्देश्य क्या था, जहां से हथियार खरीदा, उसके संबंध में एसटीएफ को सूचित किया है। अंतरराज्यीय गिरोह से भी इसका लिंक हो सकता है।