गयाजी डैम की स्वच्छता और जल संरक्षण को लेकर ज़िला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में अहम बैठक हुई। इस बैठक में विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के पुरोहितों, समाजसेवी बृज नन्दन पाठक समेत अन्य पुरोहितों के अलावा ज़िला
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बैठक में डीएम ने साफ कहा कि गयाजी डैम के जलस्तर को बनाए रखने के लिए पहले से किए गए चार डीप बोरिंग को दो दिनों के अंदर फंक्शनल किया जाए। इसके अलावा, अगर जरूरत महसूस हो तो अतिरिक्त बोरिंग भी करवाई जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल स्रोतों का सही तरीके से आकलन कर जल प्रबंधन की व्यवस्था की जाए।
गौरतलब है कि गयाजी डैम में केवल मानसून का पानी इकट्ठा होता है। जुलाई से मार्च तक पानी की कोई कमी नहीं रहती, लेकिन मार्च-अप्रैल से जलस्तर गिरने लगता है। इसीलिए चार बोरिंग कराए गए थे, ताकि तीर्थयात्रियों को किसी तरह की दिक्कत न हो।
डैम की सफाई को लेकर नई गाइडलाइन
डीएम ने कहा कि गयाजी डैम को स्वच्छ बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे नदी में कचरा, मलवा या पूजन सामग्री न फेंकें। वहीं, नगर आयुक्त को निर्देश दिए गए कि घाटों की नियमित सफाई हो और जरूरत पड़ने पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जाए।
गयाजी डैम के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि हर साल मई में डैम की सफाई होती है, जिसमें जमी हुई गाद हटाई जाती है। डीएम ने इस बार गाद सफाई का काम समय पर पूरा करने और मानसून से पहले इसे पूरी तरह निपटाने के निर्देश दिए, ताकि जल संचयन की क्षमता बढ़ाई जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि निकाली गई गाद को इस तरह डिस्पोज किया जाए कि वह दोबारा नदी में न मिले।
सुरक्षा और टेक्नोलॉजी के जरिए जल संरक्षण
डैम के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, जो हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने के लिए नई टेक्नोलॉजी जैसे ट्यूब टेक्नोलॉजी का उपयोग करने पर विचार किया जाए। इसके लिए टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स की टीम से संपर्क करने के निर्देश दिए गए।
डैम के आसपास के खाली स्थानों को हरा-भरा बनाने के लिए जिला वन पदाधिकारी के माध्यम से पौधारोपण करवाने का निर्णय लिया गया है। वहीं, फल्गु नदी के बाईं ओर 250 मीटर भूमिगत नाले के विस्तार का काम भी तेजी से चल रहा है, जिसे जून 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।