Monday, June 2, 2025
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गर्मियों में जान लीजिए कूलर से जुड़े ये 5 जरूरी वास्तु टिप्स, खुशहाली और समृद्धि से भर जाएगा पूरा घर


Vastu Tips For Cooler: गर्मियों का मौसम आते ही हर घर में ठंडक की तलाश शुरू हो जाती है. लोग पंखों से ज्यादा राहत देने वाले कूलर का इस्तेमाल करते हैं, जो न सिर्फ गर्मी से बचाव करता है बल्कि वातावरण को भी ताजगी देता है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि कूलर कहां रखा जाए, उसका रंग क्या हो और उसकी स्थिति कैसी हो? ये सभी बातें वास्तुशास्त्र के अनुसार जीवन पर सकारात्मक या नकारात्मक असर डाल सकती हैं. वास्तु शास्त्र में कूलर को भी ऊर्जा संतुलन से जोड़कर देखा गया है. अगर आप कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें, तो यह छोटा-सा उपकरण भी घर में सुख-शांति और समृद्धि बढ़ा सकता है. यहां हम आपको बता रहे हैं कूलर से जुड़े 5 आसान वास्तु उपाय, जिन्हें अपनाकर आप अपने घर में पॉजिटिव एनर्जी ला सकते हैं. इस बारे में बता रहे हैं वास्तु शास्त्री धर्मेंद्र दीक्षित.

1. कूलर की सही दिशा का रखें ध्यान
वास्तु शास्त्र के अनुसार कूलर रखने के लिए सबसे अच्छी दिशा उत्तर-पश्चिम (North-West) मानी जाती है. यह दिशा वायु और चंद्र तत्व से संबंधित है, जो मानसिक शांति, संतुलन और स्थिरता प्रदान करती है. इस दिशा में कूलर रखने से घर के सदस्यों के बीच आपसी समझ बेहतर होती है, रिश्तों में सामंजस्य बना रहता है और तनाव भी कम होता है. अगर कूलर गलत दिशा में रखा जाए तो इससे चिड़चिड़ापन, मानसिक बेचैनी और घर के वातावरण में असंतुलन आ सकता है.

2. शुभ रंगों का करें चयन
कूलर खरीदते समय सिर्फ उसका ब्रांड या डिज़ाइन नहीं बल्कि उसका रंग भी देखना चाहिए. वास्तु के अनुसार सफेद, क्रीम, बेज या सिल्वर रंग का कूलर घर के लिए सबसे शुभ माना जाता है. ये रंग ठंडक, शांति और संतुलन के प्रतीक होते हैं, जो घर के वातावरण को शांत और सकारात्मक बनाए रखते हैं. अगर आप ऐसा कूलर रखते हैं तो उससे घर के लोगों के मूड पर भी सकारात्मक असर पड़ता है.

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3. किन रंगों से करें परहेज
कूलर के कुछ रंग ऐसे भी होते हैं जो घर में नकारात्मक असर डाल सकते हैं. नीला और गुलाबी रंग वास्तु में कूलर के लिए अनुकूल नहीं माने जाते. इन रंगों से घर में ऊर्जा असंतुलित हो सकती है, जिससे क्लेश और अनबन की स्थिति बन सकती है. हालांकि अगर घर की बनावट के अनुसार कोई और दिशा उपलब्ध न हो, तो खास परिस्थिति में गुलाबी रंग का इस्तेमाल दक्षिण-पूर्व दिशा में किया जा सकता है. लेकिन बाकी दिशाओं में इससे बचना ही बेहतर है.

4. खराब कूलर से हो सकती है परेशानी
अगर घर में कोई कूलर खराब पड़ा है या बहुत ज्यादा पुराना हो गया है और उसे इस्तेमाल नहीं किया जा रहा, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में टूटा-फूटा या बंद पड़ा सामान नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत होता है. ऐसा कूलर घर में रखने से आर्थिक परेशानियां, तनाव, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. बेहतर है कि ऐसे कूलर को रिपेयर करवा लें या हटा दें.

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5. साफ-सफाई का भी रखें विशेष ध्यान
वास्तु शास्त्र में स्वच्छता को बहुत महत्व दिया गया है. कूलर की सफाई भी उतनी ही जरूरी है जितनी उसकी दिशा और रंग का चयन. गंदा कूलर न सिर्फ सेहत के लिए हानिकारक होता है, बल्कि यह वास्तु दोष भी पैदा कर सकता है. गंदगी से भर चुका कूलर हवा की गुणवत्ता को खराब करता है और वातावरण में नकारात्मकता फैलाता है. समय-समय पर कूलर की सफाई जरूर करें.



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