धनबाद, 22 दिसंबर 2024: गिरिडीह में पत्रकार अमरनाथ सिन्हा पर हुए हमले के विरोध में धनबाद प्रेस क्लब ने सोमवार को रणधीर वर्मा चौक पर जोरदार प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में प्रेस क्लब के अध्यक्ष, महासचिव, उपाध्यक्ष, सचिव और कार्यकारिणी सदस्यों समेत सैकड़ों पत्रकारों ने भाग लिया। प्रदर्शन के बाद क्लब के सदस्यों ने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की।
“पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सरकार जिम्मेदार”
धनबाद प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजीव झा ने कहा, “गिरिडीह की घटना ने पत्रकारों के बीच गहरी चिंता पैदा की है। मुख्यमंत्री को जल्द से जल्द पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाना चाहिए। पत्रकार समाज को आईना दिखाने का काम करते हैं, और उनके साथ हिंसा अस्वीकार्य है।” उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में पत्रकारों पर ऐसे हमले जारी रहे तो विरोध प्रदर्शन और तेज होगा।
“कलम की ताकत से गूंज उठेगी आवाज”
प्रेस क्लब के महासचिव अजय प्रसाद ने गिरिडीह की घटना की निंदा करते हुए कहा, “अगर पत्रकारों पर हमले जारी रहे, तो उनकी कलम माफियाओं और असामाजिक तत्वों के खिलाफ और धारदार होगी। सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करे और दोषियों को गिरफ्तार करे।”
“गुंडों पर कानून का खौफ जरूरी”कतरास प्रेस क्लब के अध्यक्ष इंद्रजीत पासवान ने कहा, “गिरिडीह की घटना दिखाती है कि अपराधियों को कानून का डर नहीं है। सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कड़ा कानून बनाना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके।”
1. पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करना।2. गिरिडीह घटना के दोषियों की जल्द गिरफ्तारी।3. पत्रकारों के लिए सुरक्षित और भयमुक्त माहौल की गारंटी।
प्रदर्शन में शामिल पत्रकारों की एकजुटताप्रदर्शन में धनबाद प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजीव झा, महासचिव अजय प्रसाद, उपाध्यक्ष शशि भूषण राय, कोषाध्यक्ष मनोज शर्मा, सचिव मोहन गोप, शरद पांडे, सुरेंद्र यादव, बलवंत प्रसाद शरद पांडे, सुरेंद्र यादव, सचिव मोहन गोप संजय चौरसिया नवीन राय,राम मूर्ति पाठक, चंदन पाल, कार्यकारिणी सदस्यों की प्रसाद विक्की प्रसाद, रौशन सिन्हा,गोपाल प्रसाद, विपिन रजक, कन्हैया पांडे, शंभवी सिंह, शिल्पा सिंह, , कतरास प्रेस क्लब के अध्यक्ष इंद्रजीत पासवान समेत सैकड़ों पत्रकारों ने भाग लिया। सभी ने एक स्वर में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर सरकार इस पर जल्द कदम नहीं उठाती तो आंदोलन और बड़ा होगा।
यह प्रदर्शन राज्य भर के पत्रकारों के लिए एकजुटता का प्रतीक बना और सरकार पर पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने का दबाव बनाया।