गुजरात के तीसरे बड़े महीसागर नदी पर बने कडाणा डैम के ओवरफ्लो होने पर डैम को लाइटों से सजाया गया है।
मौसम विभाग ने अगले 5 दिनों में गुजरात में बारिश की भविष्यवाणी की है। आज दो केंद्र शासित प्रदेशों समेत 8 जिलों में भारी बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग ने 17 जिलों में येलो अलर्ट के साथ भारी बारिश की आशंका जताई है। पिछले दो-तीन दिनों से गुजरात में एक स
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तटीय इलाकों में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रिय हुआ
लुणावडा शहर में हो रही जोरदार बारिश सड़कों पर भरा पानी।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रिय हो गया है। इससे तटीय इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा एक मानसून ट्रफ राजस्थान के जैसलमेर और उदयपुर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक भी बना हुआ है। इसके असर से गुजरात में बारिश का मौसम बना हुआ है। यानी कि गुजरात में अब भी आफत वाली बारिश का खतरा बना हुआ है। खासकर से दक्षिण गुजरात के जिलों में बहुत भारी बारिश की संभावना है।

भरूच जिले के लीमडी फलीयू गांव में लोगों को निकालती एनडीआरएफ की टीम।
पांच दिनों में ही 30 फीसदी बारिश हो गई
वहीं राहत आयुक्त आलोक पांडे ने 25 से 30 अगस्त तक प्रदेश में बारिश से हुए नुकसान का ब्यौरा देते हुए बताया कि अरब सागर में डीप डिप्रेशन के कारण राजस्थान और मध्य प्रदेश में भारी बारिश हुई है। इस दौरान राज्य में करीब 30 फीसदी बारिश हुई। भारी बारिश से 14 जिले बुरी तरह प्रभावित हुए। बारिश से जुड़े अलग-अलग हादसों में अब तक 49 लोगों की मौत हुई है।

भरूच जिले के लीमडी फलीयू गांव में अब भी बाढ़ के हालात बने हुए हैं।
22 मृतकों के परिवारों को 88 लाख रुपए की मदद
बाढ़ प्रभावित इलाकों के 16 लाख 95 हजार लोगों को 8 करोड़ से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है। इनमें 5 हजार लोगों को तत्काल नकद भुगतान किया गया था। साथ ही 11 परिवारों को मकानों की मरम्मत के लिए 50 हजार रुपए दिए गए। इसके अलावा 22 मृतकों के परिजनों को 88 लाख रुपए की सहायता दी गई है। अभी दो से तीन लोगों को सहायता राशि दी जानी बाकी है, जो अगले दो दिन में दे दी जाएगी।

पूर्णा नदी के उफान पर होने से नवसारी के निचले इलाकों में भरा पानी।
मकानों के लिए 367 करोड़ रुपए की सहायता दी गई
इसके अलावा 2618 पशुओं की मृत्यु पर भी आवास सहायता का भुगतान किया गया है, कच्चे मकान, पक्के मकान, झोपड़ियों को नुकसान हुआ, जिसके लिए 367 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है। एनडीआरएफ की 17 टीमें और एसडीआरएफ की 27 टीमें अब भी बाढ़ग्रस्त इलाकों में काम कर रही हैं।
आपदा के दौरान वायुसेना और तटरक्षक बलों से भी काफी मदद मिली। उन्होंने 42 हजार 83 लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करने में राज्य सरकार की अन्य रेस्क्यू टीमों की मदद की। बारिश से राज्य की करीब 2500 किमी सड़क क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसे 6 दिन में दुरुस्त कर लिया गया है।

साणंद तालुका के ग्रामीण क्षेत्रों में टूटे घरों और बर्बाद फसलों का सर्वेक्षण करती हुई टीम।
गुजरात की केंद्रीय टीम करेगी सर्वे
शहरी विभाग ने सड़क के लिए 700 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है, जिसे मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत नगर पालिकाओं एवं नगर पालिकाओं को दिया गया है। 880 लोगों को शेल्टर होम में शिफ्ट किया गया। केंद्र सरकार की 6 सदस्यों की टीम भी गुजरात आने वाली है। इस टीम में अलग-अलग विभागों के अधिकारी शामिल हैं जो बाढ़ग्रस्त इलाकों का सर्वे करे रिपोर्ट तैयार करेंगे।